कश्मीरी छात्रों का प्रदर्शन, J-K के गवर्नर ने केंद्र से की बात
देश की प्रतिष्ठित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU) में आतंकी के लिए नमाज-ए-जनाजा पढ़े जाने को लेकर घमासान जारी है और सियासत तेज हो गई है. मामले में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ आज कश्मीरी छात्रों ने मुंह पर काला टेप लगाकर प्रदर्शन किया.
बता दें कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी मन्नान वानी के मारे जाने के बाद AMU के तीन कश्मीरी छात्रों द्वारा नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश में देशद्रोह का केस दर्ज कर निलंबति कर दिश गया है. वहीं नौ छात्रों के खिलाफ शो कॉज नोटिस जारी किए जाने की जानकारी सामने आई है.
कश्मीरी छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे सज्जाद सुभान राथर का कहना है कि कश्मीरी होना कोई गुनाह नहीं. साथ ही उन्होंने आरोपी छात्रों पर दर्ज किए गए केस को वापस लेने की भी मांग की है.
मामले में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात की. साथ ही यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से भी की बात कर विवाद जल्दी निपटाने के निर्देश दिए हैं. वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा आरोपी छात्रों को यूनिवर्सिटी छोड़ने की चेतावनी पर छात्र आपस में बंट गए हैं.
गौरतलब है कि आतंकी मन्नान वानी एएमयू में पीएचडी का छात्र था. कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एके-47 के साथ उसकी एक तस्वीर साझा हुई थी. जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मन्नान को निलंबित कर दिया था. पिछले चार-पांच दिन से एएमयू प्रशासन और कश्मीरी छात्र आमने-सामने हैं.
महबूबा मुफ्ती ने किया छात्रों का समर्थन
वहीं, मामले पर इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र से मामले हस्तक्षेप करने की मांग करने के साथ-साथ कहा है कि छात्रों को अपने साथी को याद करने का पूरा हक है.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा,’ छात्रों की आवाज दबाने के परिणाम अच्छे नहीं होंगे. छात्रों पर से केस वापस लिए जाने पर केंद्र हस्तक्षेप करें और एएमयू प्रशासन उनका निलंबन वापस ले. जम्मू-कश्मीर के बाहर की राज्य सरकारों को स्थिती पर संवेदनशील होना चाहिए, ताकि इनके अलगाव को रोका जा सके.
महबूबा मुफ्ती ने आगे लिखा, ‘छात्रों को अपने सहपाठी जो कि कश्मीर में लगातार हिंसा का पीड़ित हो, उसे याद करने के लिए सजा देना गलत होगा.’
एएमयू में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी मन्नान वानी की याद में नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश के दौरान देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में अपने साथियों पर दर्ज देशद्रोह का मुकदमा वापस नहीं लिए जाने की स्थिति में एएमयू छोड़ने की चेतावनी दी है. इस मामले में दो छात्रों को निलंबित किया गया है
ओवैसी को भी ऐतराज
इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्र अपनी पढ़ाई बीच में छो़ड़कर जाना चाहते हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि मामले को गंभीरता से लिया जाएगा.’
राज्यमंत्री ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मचे बवाल को मानव संसाधन राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर हमारे पढ़े-लिखे बच्चे विशेष तौर से जो एएमयू जैसी प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी से निकले हों और वह हिज्बुल जैसे आतंकी संगठनों में कमांडर बनकर काम करते हैं तो ऐसे में उस शिक्षण संस्थान पर सवाल खड़े होते हैं.