आज नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, जानें तेल की कीमतों में कितनी हुई गिरावट
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गुरुवार को मामूली गिरावट दर्ज की गई. गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 21 पैसे की कमी होने के बाद कीमत प्रति लीटर में 82.62 रुपये हो गई है. वहीं, डीजल के दामों में भी 11 पैसे की कमी दर्ज की गई है. 11 पैसे की कटौती के बाद डीजल की कीमत 75.58 रुपये प्रति लीटर हो गई है. आपको बता दें कि 5 अक्टूबर को पेट्रोल और डीजल पर सरकार ने 1.50 रुपये तक की कटौती की थी और तेल कंपनियों की तरफ से 1 रुपये की कटौती की गई थी, जिसके बाद आम आदमी को 2.50 रुपये की राहत मिली थी.
दिल्ली के साथ-साथ मुंबई में भी तेल की कीमतों में कमी आई है. गुरुवार को आर्थिक राजधानी मुबंई में पेट्रोल की कीमत में 11 और डीजल की कीमत में 21 पैसे की कमी दर्ज किए जाने के बाद प्रति लीटर कीमत क्रमशः 88.08 रुपए और 79.24 रुपए हो गई है.
पेट्रोल और डीजल के दामों लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है. ढाई रुपए की कटौती के बाद भी कोई राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है. बुधवार को तेल की कीमते न बढञ और न घटी. इससे पहले मंगलवार (16 अक्टूबर) को भी ईंधन के दामों में बढ़ोत्तरी हुई थी. दिल्ली में मंगलवार (16 अक्टूबर) को पेट्रोल 11 पैसे/लीटर की बढ़ोतरी के बाद 82.83 रुपये प्रति लीटर हो गया है. वहीं, डीजल के दामों में भी 23 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके बाद दिल्ली में डीजल के दाम 75.69 रुपये प्रति लीटर हो गए.
बुधवार (17 अक्टूबर) को भारत ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) से तेल एवं गैस के दाम जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से तय करने को कहा था. भारत ने बुधवार को कहा कि तेल एवं गैस कीमतों में हालिया वृद्धि बाजार की बाजार के मूल सिद्धान्त से अलग हैं और इससे आयातक देशों को नुकसान हो रहा है.कच्चे तेल की कीमतों चार साल के उच्चस्तर पर जाने तथा रुपये में गिरावट के दोहरे प्रभाव से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं.
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने भी सोमवार (15 अक्टूबर) को कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल के दामों पर चर्चा के लिए देश-विदेश की पेट्रोलियम कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी. कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उछाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेल उत्पादकों और उपभोक्ता देशों के बीच भागीदारी के संबंध पर जोर दिया है ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिल सके. पीएम मोदी ने तेल उत्पादक देशों से भी अपील की है कि वे अपने निवेश योग्य अधिशेष को विकासशील देशों के तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक लाभ के लिए लगाएं. प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है. मोदी ने सोमवार को राजधानी में तेल एवं गैस क्षेत्र की देशी-विदेशी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत के दौरान ये सुझाव दिए.
वहीं, तेल के बढ़ती कीमतों के कारण मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. साथ ही लोगों में भी सरकार के खिलाफ नाराजगी देखने को मिल रही है.