जाने कब है गुरु प्रदोष व्रत और क्या है प्रदोष व्रत का महत्व ?
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हिन्दू कैलेंडर के हर माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं. यह त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस समय मार्गशीर्ष मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है. इस पक्ष की त्रयोदशी तिथि आने वाली है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है.
प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष मुहूर्त में ही करने का विधान है, लेकिन समय की कमी के कारण लोग इस दिन प्रात:काल में भी पूजा कर लेते हैं. आइए जानते हैं कि दिसंबर 2021 का प्रदोष व्रत कब है और शिव पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 15 दिसंबर दिन बुधवार को देर रात 02 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन 17 दिसंबर दिन शुक्रवार को प्रात: 04 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है.
प्रदोष व्रत के लिए पूजा का मुहूर्त 16 दिसंबर दिन गुरुवार को प्राप्त हो रहा है. ऐसे में प्रदोष व्रत 16 दिसंबर को रखा जाएगा. इस दिन गुरुवार है, तो यह गुरु प्रदोष व्रत होगा.
यदि आप प्रदोष व्रत रखते हैं, तो आपको प्रदोष काल में शाम 05 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट के मध्य भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. यह प्रदोष व्रत के लिए पूजा मुहूर्त है, जो 02 घंटे 44 मिनट तक है.
गुरु प्रदोष व्रत रखने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. गुरु प्रदोष व्रत मुख्यत: महिलाएं रखती हैं. शनि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को उत्तम संतान की प्राप्ति होती है. प्रदोष व्रत के दिन आप अपने किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए मंत्र जाप भी कर सकते हैं.