राजस्थान : गहलोत सरकार ने चार साल बाद फिर से सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म

राजस्थान में गहलोत सरकार ने चार साल बाद फिर से सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म का रंग बदल दिया गया है. इसके साथ ही विद्यार्थियों की गणवेश का नया रंग तय भी कर दिया गया है. छात्रों के लिए यूनिफॉर्म में हल्के नीले रंग की कमीज और गहरे भूरे रंग की नेकर या पेंट तय की गई है.
जबकि छात्राओं के लिए ड्रेस में हल्के नीले रंग का कुर्ता या शर्ट और भूरे धूसर रंग की सलवार या स्कर्ट साथ ही गहरे भूरे रंग का दुपट्टा तय किया गया है. सर्दियों के दौरान स्टूडेंट्स यूनिफॉर्म में गहरे भूरे रंग का कोट या फिर स्वेटर पहन सकेंगे.
मौजूदा शैक्षणिक सत्र में इस यूनिफॉर्म को पहनने की अनिवार्यता नहीं होगी. लेकिन अगले शैक्षणिक-सत्र 2022-23 से नए रंग की यूनिफॉर्म अनिवार्य रूप से पहननी होगी. सभी विद्यार्थियों को गुरुवार को शाला यूनिफॉर्म पहनने में छूट रहेगी. इसे लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.
कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक के विद्यार्थियों को ड्रेस निशुल्क दी जाएगी. कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के विद्यार्थियों को अपने स्तर पर ही नई ड्रेस खरीदनी होगी. मौजूदा समय में यूनिफॉर्म कत्थई रंग की पेंट और भूरे रंग की शर्ट है. इसे साल 2017 में वसुंधरा राजे की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के दौरान बदला गया था.
बीजेपी राज में करीब 20 साल बाद स्कूल ड्रेस का रंग बदला गया था. तब कांग्रेस ने ड्रेस कोड के भगवाकरण के आरोप लगाए थे. इसके बाद कांग्रेस के सत्ता में आने के साथ ही पूर्व शिक्षा मंत्री एवं पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने ड्रेस बदलने का ऐलान किया था. इसके अलावा पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर भी काफी बवाल मचा था.
गहलोत सरकार ने पिछले साल ही सरकारी स्कूलों की ड्रेस बदलने पर विचार कर लिया था लेकिन कोरोना की वजह से यह प्रस्ताव अटक गया था. बीजेपी ने स्कूल ड्रेस बदलने के प्रस्ताव पर यह कहकर विरोध किया था कि अभिभावकों की जेब पर इससे अनावश्यक भार पड़ेगा.