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16 दिसंबर यानि कल से शुरू हो रहा है खरमास

सूर्य की धनु संक्रांति 16 दिसंबर दिन गुरुवार को है. इस दिन से सूर्य 14 जनवरी 2022 तक धनु राशि में रहेगा. 16 दिसंबर 2021 से खरमास शुरु हो जाएगा. इसका समापन 14 जनवरी 2022 को होगा, जब सूर्य की मकर संक्रांति शुरु होगी.

खरमास में मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. खरमास को मलमास भी कहते हैं. इस माह में बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है और सूर्य की चाल भी धीमी हो जाती है, इसलिए मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. आइए जानते हैं कि खरमास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

  1. खरमास के समय में शादी, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं करना चाहिए.
  2. खरमास का समय अशुभ माना गया है, ​इसलिए आपको इस समय में नए बिजनेस या कार्य का प्रारंभ नहीं करना चाहिए.
  3. खरमास के समय में बहू या बेटी की विदाई नहीं करनी चाहिए.
  4. खरमास के समय में संध्या दीपक जलाएं और तुलसी की पूजा करें. यह उपाय आपकी समस्याओं का समाधान कर सकता है.
  5. खरमास के समय में नि:स्वार्थ दान का बड़ा महत्व है. इस माह में जब आप किसी को बिना किसी अपेक्षा के दान करते हैं तो अक्षय पुण्य प्राप्त होता है. लोगों की मदद करना चाहिए.
  6. खरमास के समय में सूर्य देव की चाल धीमी हो जाती है, सूर्य का प्रभाव कम होता है. ऐसे में आपको सूर्य देव को जल देना चाहिए और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए. उनकी कृपा से सुख, समृद्धि, तरक्की मिलेगी.
  7. खरमास में बृहस्पति ग्रह का भी प्रभाव कम होता है, इसलिए आपको देव गुरु बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में गुरु दोष या गुरु की खराब स्थिति में सुधार हो सकता है.
  8. खरमास में आप भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा कर सकते हैं. विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी लाभदायक होगा. विष्णु कृपा से सभी दुख दूर होंगे और पाप नष्ट होंगे.

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