उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर के कपाट इस वर्ष 20 नवंबर को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिए जाएंगे, जो छह माह की शीतकालीन अवधि के बाद पुन: अप्रैल-मई में खुलेंगे. श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने यहां, बताया कि भगवान बद्रीनाथ के धाम के कपाट 20 नवंबर को अपराहन 3:21 पर श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिए जायेंगे.
मंदिर बंद करने का मुहूर्त शुक्रवार (19 अक्टूबर) विजयादशमी के अवसर पर मंदिर परिसर में समारोहपूर्वक पूजा-अर्चना करने के बाद वेद पाठियों और धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने निकाला. इस दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भी मौजूद रहे. बद्रीनाथ की पहाड़ियों की चोटी पर बर्फ गिरने से बढ़ी ठंड के बावजूद विजयादशमी के पर्व पर मंदिर में हुई पूजा में 2000-3000 श्रद्धालु मौजूद रहे.
शीतकाल के दौरान भारी बर्फबारी और ठंड की चपेट में रहने के कारण भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीनाथ धाम सहित उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित चारों धामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये बंद कर दिये जाते हैं जो छह माह के शीतकाल के बाद दोबारा अप्रैल-मई में खुलते हैं.
चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के अलावा रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदानाथ धाम और उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट बंद होने की तिथि भी निश्चित हो गयी है. गंगोत्री मंदिर के कपाट दीपावली के अगले दिन अन्नकूट पर्व पर बंद होंगे जबकि केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट भैया दूज के पावन पर्व पर बंद होंगे.