मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के मद्देनजर सर्वदलीय बैठक
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ओबीसी आरक्षण की गूंज सुनाई देगी. विधानसभा का सोमवार से शुरू होने वाला सत्र हंगामेदार होगा. विपक्ष ने इस सत्र की अवधि को बढ़ाए जाने की मांग भी की है. सत्र को लेकर विधानसभा में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई.
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री अरविंद भदौरिया, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह, गोविंद सिंह, एनपी प्रजापति मौजूद थे.
बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विरोधी है. हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा सत्र की अवधि बहुत कम है. इसे बढ़ाया जाना चाहिए.
कम अवधि के सत्र में सार्थक चर्चा नहीं हो पाती. उन्होंने कहा कि सत्र में जनहित के मुद्दे उठाएंगे. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है. हम ओबीसी का, किसानों का खाद बिजली का मुद्दा विधानसभा में उठाएंगे.
दूसरी ओर, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि विपक्ष मामले को सदन में उठाएगी. 27% आरक्षण का विधेयक कांग्रेस सरकार लेकर आई थी. बीजेपी सिर्फ जनता को गुमराह करने का काम कर रही है.
सर्वदलीय बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि हमारी कोशिश जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा करना है. इस बार के सत्र में कई नवाचार किए जा रहे हैं. विधायकों से कहा गया है कि वह सवाल और जवाब पहले से स्टडी करके आएं.
सिर्फ पॉइंट-टू-पॉइंट बात होने से सदन का समय बचेगा. 22 दिसंबर को पहली बार के विधायकों और महिलाओं के प्रश्न पूछे जाएंगे, बाकी प्रश्नों को दूसरे दिन के शेड्यूल में रखा गया है.
सत्र की अवधि बढ़ाने की विपक्ष की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दिन नहीं बढ़ाए जा सकते, लेकिन सदन का समय बढ़ाया जाएगा. शाम को 5 बजे की जगह देर शाम तक सत्र चलाया जाएगा.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शीतकालीन सत्र को 15 दिन तक करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 5 दिन का सत्र छोटा होता है. जनता से जुड़े और कई मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. विपक्ष इन मुद्दों पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार रहता है, लेकिन सत्ता पक्ष सत्र को छोटा कर इन मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम कर रहा है