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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीतापुर में जनसभा को सम्बोधित करते हुए अखिलेश यादव पर कसा तंज

समाजवादी पार्टी नीत राज्य की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि अब पता चल रहा है कि गरीबों के आवास का पैसा, बिजली का पैसा और अन्न का पैसा कहा जाता था.

उन्होंने कहा, ”सपाइयों के यहां दीवारों में से नोटों की गड्डियां निकल रही हैं, तीन दिन से नोट गिने जा रहे हैं. समाजवादी बबुआ अब जनता के सामने अपना चेहरा नहीं दिखा पा रहे हैं. अब समझ में आया कि बुआ-बबुआ (मायावती-अखिलेश) नोटबंदी का विरोध क्यों कर रहे थे.”

सीतापुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”पहले गरीबों को आवास नहीं मिल पाते थे, वह पैसा कहां जाता था, बिजली का पैसा कहां जाता था. हमने शास्त्रों में पढ़ा और किवदंतियों में सुना है कि दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी आती हैं.

लेकिन इन पापियों ने तो लक्ष्मी को दीवारों में बंद करके रखा है.” उन्होंने कहा, ”आपने देखा कि सपाईयों के यहां दीवारों से नोटों की गड्डियां निकल रही हैं. तीन दिन से अधिकारी नोट गिनते-गिनते थक चुके हैं.

यह वह लोग हैं कि जो गरीबों को योजनाओं के लाभ से वंचित करते थे, जो राशन गरीबों को मिलना चाहिए था वह यह हजम कर जाते थे. अब यही राशन गरीबों को दो साल से लगातार दिया जा रहा है. अगर सपा सरकार में यह योजना आती तो चाचा-भतीजे में लूट मच गई होती और गरीब देखता रह जाता.”

योगी ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा, ”अब तो बबुआ को नई परेशानी हो गई है कि प्रदेश के नौजवानों को टैबलेट और स्मार्टफोन क्यों दिया जा रहा है. समाजवादी खानदान यह कैसे बर्दाश्त कर सकता है?

क्योंकि इनके लिए परिवार ही प्रदेश है और हमारे लिए प्रदेश ही परिवार है. 2017 में जब हम चुनाव प्रचार के लिए निकलते थे तो लोग कहते थे कि इस नरक से हम कैसे बचेंगे?”

सीएम योगी ने सवाल किया कि क्या आज कोई बेटी को छेड़ने का दुस्साहस करेगा? उन्होंने कहा, ”उस दुशासन और दुर्योधन को मालूम होगा कि पहले महाभारत के लिए श्रीकृष्ण ने युद्ध किया था. लेकिन अब तो जिन बेटियों को मैंने पुलिस में भर्ती किया है वही महाभारत रचा देंगी.”

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