राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल 10वीं और 12वीं का परिणाम आज जारी कर दिया गया है. अक्टूबर-नवम्बर में आयोजित परीक्षा का परिणाम शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने जारी किया. शिक्षा संकुल में आयोजित कार्यक्रम में राज्य मंत्री जाहिदा खान सहित विभाग के तमाम अधिकारी भी मौजूद रहे.
कोरोना काल के चलते इस साल मार्च-मई में होने वाली स्टेट ओपन की परीक्षाएं इस साल अक्टूबर-नवम्बर में आयोजित हुई और इसी के चलते दोनों परीक्षाओं का परिणाम पहली बार एक साथ जारी किया गया.
समेकित परीक्षा परिणाम में 10वीं का परिणाम इस साल 37.83 फीसदी रहा. पुरुषों का परीक्षा परिणाम 35.42 फीसदी और महिला परीक्षार्थियों का परिणाम 39.27 फीसदी रहा. पिछले साल के मुकाबले 10वीं का परिणाम 2.67 फीसदी ज्यादा रहा.
वहीं 12वीं परिणाम इस साल 64.31 फीसदी रहा. पुरुष अभ्यर्थियों का परिणाम 61.67 फीसदी तो महिला परीक्षार्थियों का परिणाम 66.25 फीसदी रहा.12वीं का परिणाम पिछले साल के मुकाबले 4.58 फीसदी ज्यादा रहा.
10वीं में 84.40 फीसदी अंक प्राप्त कर जोधपुर की पूजा चौधरी ने पहला स्थान प्राप्त किया. अजमेर की भावना यादव ने भी 83 फीसदी अंक हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया.
पुरुष वर्ग में 82.60 फीसदी के साथ सिरोही के मुकेश कुमार पहले स्थान पर और 82.60 फीसदी अंकों के साथ बूंदी के विनोद मालव दूसरे स्थान पर रहे. 12वीं के परिणाम में महिला वर्ग में जोधपुर की हर्षा ने 82.40 फीसदी के साथ पहला
और जोधपुर की ही लक्ष्मी ने 79.80 अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया. पुरुष वर्ग में नावां के जोशी उदय योगश कुमार ने 84.20 फीसदी अंकों के साथ पहला और 80.80 फीसदी अंकों के साथ भीलवाड़ा के अनमोल जोशी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया.
इन चारों विद्यार्थियों का चयन मीरा पुरस्कार और एकलव्य पुरस्कार के लिए हुआ है. परिणाम में टॉप करने वाले विद्यार्थियों के साथ मंत्री बीडी कल्ला ने बात कर बधाई दी.
परिणाम जारी करने के बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में बालिकाएं लगातार आगे बढ़ रही है और परिणाम में ये नजर भी आ रहा है. स्टेट ओपन के परिणाम में भी एक बार फिर से बालिकाओं ने बाजी मारी है.
लड़के खेल और मोबाइल पर ज्यादा ध्यान देने लग गए हैं. ऐसे में अभिभावकों को चाहिए की वो बच्चों को मोबाइल से दूर करने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं. सरकारी स्कूलों के स्तर में लगातार सुधार हो रहा है
जिसका परिणाम है कि सरकारी स्कूलों में नामांकन 98 लाख तक पहुंच गया है. इसके साथ ही अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के प्रति लोगों का रुझान तो देखने वाला है.