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योगी सरकार के काम से कांग्रेस भूली अपना ही नारा

बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन कर ’27 साल यूपी बेहाल’ के नारे के
साथ चुनाव मैदान में उतरी थी। अब कांग्रेस अपना यह नारा भूल चुकी है, इसकी वजह है योगी सरकार द्वारा
अपने काम से यूपी की बदली गई तस्वीर। बीते पौने पांच वर्षों के दौरान यूपी में शिक्षा, स्वास्थ्य, कारोबार
और रोजगार सहित सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य हुआ है। यूपी पर पिछड़े राज्य होने का लगा तमगा भी प्रदेश
सरकार द्वारा कराए गए कार्यो के चलते हट गया है। इन सबको ध्यान में रखते हुए ही प्रियंका गाधी से लेकर
कोई कांग्रेसी नेता ‘यूपी बेहाल’ का नारा लगाने की हिम्मत नहीं कर रही है। और अब कांग्रेस महासचिव
प्रियंका गांधी ‘मैं लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ के नए नारे के साथ लोक लोभावन घोषणाएं कर कांग्रेस के लिए
अच्छे दिन आने का सपना देख रही हैं।
लंबे समय से यूपी की राजनीति में सक्रिय रहने वाले तमाम नेता तथा पत्रकारों का कुछ ऐसा ही मानना है। इन
जानकारों के अनुसार बीते तीन दशक से कांग्रेस पार्टी यूपी के हर चुनाव में इमरजेंसी सरीखी हार का झेल
रही है। तीन दशक पहले कांग्रेस को यूपी में 269 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसके बाद से अब तक छह
विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन छह चुनावों में कांग्रेस को महज 242 सीटों पर ही जीत हासिल हुई है। तीन
दशक पहले यूपी में कांग्रेस ने आखिरी बार नारायण दत्त तिवारी की अगुवाई में सत्ता का स्वाद चखा था। 5
दिसंबर 1989 को नारायण दत्त तिवारी ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी और इसके बाद कांग्रेस कभी भी यूपी की
सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। रोचक तथ्य तो यह है कि इसके बाद हुए हर विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह
यादव और मायावती का तो कद बढ़ता गया लेकिन कांग्रेस पिछड़ती गई। ऐसे में पार्टी की स्थिति में बदलाव
के लिए कांग्रेस ने वर्ष 2016 में 17 साल यूपी बेहाल का नारा बुलंद किया और राहुल गांधी ने यूपी पर ध्यान
केंद्रित किया। राहुल अपने इस अभियान को आगे तक ले नहीं जा सके क्योंकि कांग्रेस का संगठन जर्जर हो
चुका था। इस वजह से कांग्रेस ने वर्ष 2017 सपा से चुनावी गठबंधन किया, फिर भी उसके अच्छे दिन नहीं आ
सके। कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन कर 114 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तब सिर्फ 6.2 प्रतिशत वोट हासिल
कर कांग्रेस को सात सीटों पर ही जीत मिली थी। इन चुनावों में कांग्रेस पर राज्य के 54,16,324 लोगों ने ही
विश्वास कर उसे वोट दिया था।

यूपी के कांग्रेस की इस स्थिति का आकलन करने के बाद ही कांग्रेस पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय महासचिव
प्रियंका गांधी वाड्रा पर दांव लगाया है। स्वयं प्रियंका इस चुनावी वैतरणी से पार उतरने के लिए लोकलुभावन
राजनीति का जुआ खेल रही हैं। उन्होंने यूपी विधानसभा की 403 सीटों पर 40 फीसद महिला उम्मीदवार
लड़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों की
कर्जमाफी की घोषणा की। तीसरी घोषणा लड़कियों को स्मार्टफोन और स्कूटी देने की और चौथी घोषणा
नागरिकों को 10 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देने की है। प्रियंका गांधी की इन घोषणाओं से
एक सवाल यह भी उठ रहा है कि उनकी पार्टी ये घोषणाएं पंजाब, उत्तराखंड, गोवा या मणिपुर जैसे अन्य
चुनावी राज्यों में क्यों नहीं कर रही है? क्या वहां की महिलाओं, किसानों और गरीबों को इसकी जरूरत नहीं है?
फिलहाल राज्य में प्रियंका की इन घोषणाओं का असर दिख नहीं रहा है क्योंकि बीते पांच वर्षों में योगी
सरकार ने यूपी को शून्य से शिखर तक ले जाने के तमाम ऐसे कार्य किए हैं, जिनसे यूपी में हर वर्ग को लाभ
मिला है। किसान, श्रमिक और युवाओं के लिए सरकार ने कार्य किया हैं।
यूपी में 4.68 लाख करोड़ का हुआ औद्योगिक निवेश एक रिकार्ड है। साढ़े चार लाख से अधिक युवाओं को
सरकारी नौकरी दी गई। किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो करोड़ से अधिक किसानों के खाते में
37,680 करोड़ रुपए भेजे गए। इसकेअलावा किसानों की कर्ज माफी, गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य का
समय से भुगतान मिला है। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा स्नातक तक बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा
देने के साथ मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत क्रमश : 10
लाख और 1.80 करोड़ बालिकाओं को लाभांवित किया है। नौकरियों में भी सरकार ने महिलाओं को
प्राथमिकता दी है। इसी क्रम में 01 लाख से अधिक महिलाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। करीब 56 हजार
बैंकिंग करेस्पोंडेन्स सखियों की नियुक्ति किया गया। 30 लाख 34 हजार निराश्रित महिलाओं को 1000
रुपए प्रतिमाह पेंशन मिल रहा। प्रदेश में दो करोड़ 94 लाख से अधिक शौचालय (इज्जतघर) का निर्माण
करवाना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में गरीब महिलाओं को 1 करोड़ 67 लाख निःशुल्क गैस कनेक्शन
वितरित किया जाना प्रदेश सरकार के प्रमुख कार्यो में शामिल है। राज्य में बन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और
बनाए जा रहे एयरपोर्ट सूबे के नाम को रोशन कर रहे हैं। योगी सरकार के इन सब कार्यों के चलाए यूपी
बीमारू राज्य के तमंगे से बाहर निकल कर अब विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। अब यूपी विकास की 44
योजनाओं में देश में नंबर वन है। जाहिर है कि ऐसे यूपी में अब कांग्रेस का यूपी बेहाल वाला नारा किसी काम
का नहीं रह गया, जिसके चलते अब कोई कांग्रेसी नेता इस नारे का जनता के बीच जिक्र नहीं करता। प्रियंका
गांधी भी यूपी की बेहाल को लेकर अब एक शब्द नहीं बोलती है क्योंकि उन्हें पता है इसका जिक्र करना

अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना ही होगा। इसलिए अब प्रियंका गांधी सहित यूपी के सारे कांग्रेसियों ने यूपी
बेहाल के नारे से दूरी बना ली है।

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