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मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 के सभी संगठित/असंगठित 3.81 करोड़ कामगारों एवं निर्माण श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन में आयोजित उत्तर प्रदेश के सभी संगठित/असंगठित 3.81 करोड़ कामगारों एवं निर्माण श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार श्रमिकों की चिन्ता करने वाली सरकार मौजूद है। उन्होंने कहा कि चाहे वह केन्द्र मंे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार हो या प्रदेश की सरकार, निरन्तर श्रमिकों के हितों के संरक्षण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही हैं। इस अवसर पर उन्होंने योजना के प्रथम चरण में डेढ़ करोड़ कामगारों को भरण-पोषण भत्ते/हित लाभ की कुल 1500 करोड़ रुपये की धनराशि का ऑनलाइन हस्तांतरण किया। मुख्यमंत्री जी द्वारा इसमें आज प्रत्येक लाभार्थी को 500 रुपये प्रतिमाह की दर से 02 माह की 01 हजार रुपये की धनराशि अंतरित की गयी। उन्होंने 05 लाभार्थियों को चेक भी प्रदान किए।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्व में श्रमिकों का शोषण होता था, शासन की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिलता था, राशन कार्ड नहीं होता था, चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं थी। श्रमिकों की स्थिति दयनीय थी। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिए गए मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास’ को अपनाया। आज हर गरीब को मकान, शौचालय, विद्युत कनेक्शन, निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन, स्वास्थ्य बीमा कवर इत्यादि उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश में कामगारों के लिए विभिन्न लाभार्थीपरक कल्याणकारी योजनाएं भी लागू की गई हैं, जिनमें श्रमयोगी मानधन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, जीवन सुरक्षा योजना इत्यादि शामिल हैं। केन्द्र एवं प्रदेश की सरकारों द्वारा लागू की गई इन योजनाओं से समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे हुए लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों में श्रमिकों के बच्चों के लिए शिक्षा की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं थी। आज प्रदेश सरकार द्वारा 01 लाख 56 हजार बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अच्छी व्यवस्था दी गई है। इन स्कूलों में शिक्षक, भवन, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट, पेयजल, बच्चों को यूनिफॉर्म, बैग, किताबंे, जूते, मोजे, स्वेटर इत्यादि, सभी चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं। श्रमिकों के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मण्डल मुख्यालयों पर अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। अब प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को आधुनिक सुविधा युक्त इन विद्यालयों में अच्छी शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गरीब की कन्याओं के विवाह की पूर्व में अच्छी व्यवस्था नहीं की जाती थी। वर्तमान सरकार द्वारा गरीबों की कन्याओं के विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना लागू की गई है। आज राज्य सरकार गरीबों की कन्याओं के विवाह की जिम्मेदारी उठा रही है। उनके विवाह के लिए राज्य सरकार द्वारा 51,000 रुपये की धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य के श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों की कन्याओं के विवाह के लिए 75,000 रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आज गरीबों की कन्याओं की शादी में मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण उपस्थित हो रहे हैं। गरीबों केे बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा की व्यवस्था हो रही है। उच्च शिक्षा, इन्जीनियरिंग, मेडिकल हर स्तर पर राज्य सरकार सहयोग दे रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से परम्परागत उद्यम को बढ़ावा दिया जा रहा है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से प्रदेश के परम्परागत हस्तशिल्पियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा परम्परागत शिल्पियों का मानदेय के साथ प्रशिक्षण और कौशल विकास सुनिश्चित किया गया है। उन्हें टूल किट उपलब्ध करायी गई। साथ ही, उन्हें बैंकों के साथ जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड के दौरान राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों को 02 लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा की गारन्टी दी गई। साथ ही, उन्हें 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा का कवर भी दिया गया। भारत सरकार द्वारा विकसित किये गये पोर्टल पर हर श्रमिक को रजिस्टर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य था, जिसने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के लिए भरण-पोषण भत्ते की घोषणा करने के साथ ही, निःशुल्क राशन की भी व्यवस्था की थी। आज प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल के दौरान 54 लाख लोगों को भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा कोरोना काल के दौरान जो 40 लाख श्रमिक राज्य में वापस आए थे, उन्हें राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराया गया। इन श्रमिकों के वापस आने से उत्तर प्रदेश के बन्द उद्योग चालू हो गये। आज उत्तर प्रदेश में नए-नए उद्योग चालू हो रहे हैं। हमारे कुशल कारीगर प्रदेश लौट आए हैं और प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान केन्द्र और राज्य सरकार ने गरीबों के लिए निःशुल्क राशन की व्यवस्था की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा कोरोना काल के दौरान लोगों के लिए निःशुल्क अन्न योजना के साथ-साथ निःशुल्क टेस्ट, उपचार, वैक्सीनेशन की व्यवस्था की गयी। उन्होंने कहा कि आज 03 जनवरी, 2022 से प्रदेश के 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों का भी वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि आज स्वयं उनके द्वारा एक टीकाकरण केन्द्र का निरीक्षण किया गया। टीका लगवाने वाले सभी किशोर उत्साह और आत्मविश्वास से भरे हुए थे। उन सबका मानना था कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सुरक्षा कवच है। यह कवच देश की कोरोना के खिलाफ जंग में मदद कर सकता है। उन्होंने अभी तक वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों को तुरन्त वैक्सीन लगवाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ सुरक्षा के कवच की तरह कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 15 करोड़ लोगांे को निःशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। 43 लाख लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया गया है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के 02 करोड़ 61 लाख लोगांे को शौचालय उपलब्ध करवाया गया है। 58 हजार ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय बनाए गये हैं। 01 करोड़ 43 लाख लोगों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। 01 करोड़ 56 लाख परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में 06 करोड़ लोगों को 05 लाख रुपये सालाना का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा कवर दिया गया है। राज्य सरकार ने 60 लाख अतिरिक्त परिवारों अर्थात 03 करोड़ लोगों को यह सुविधा उपलब्ध करायी है। आज प्रदेश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज विकास योजनाओं से प्रदेश के गरीबों को जोड़ा जा रहा है। आज इस कार्यक्रम के दौरान 03 करोड़ 81 लाख कामगार और श्रमिकों को इस योजना के साथ जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में जरुरतमन्दों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर के मद्देनजर राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 3.81 करोड़ कामगारों को 500 रुपये प्रतिमाह की दर से भरण-पोषण भत्ता अगले चार माह तक उपलब्ध कराया जाए। डेढ़ करोड़ श्रमिकों के भरण-पोषण भत्ते की पहली किश्त आज जारी कर दी गयी है। यह पैसा उनके खाते में पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि बचे हुए श्रमिकों का भत्ता औपचारिकताएं पूरी होने के उपरान्त उनके खाते में भेज दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में श्रमिकों ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। इस योजना के तहत रजिस्टर्ड और निर्माण श्रमिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों जिनमें, ठेला, खोमचा, रेहड़ी, नाविक, खेतिहर मजदूर इत्यादि शामिल हैं, को भी लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही, भविष्य में सफाई कर्मियों को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हितों की रक्षा करेगी। इनके जीवन और जीविका को बचाने के साथ-साथ इनके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी कार्य करेगी।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, श्रम मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, श्रम राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल मन्नु कोरी, नगर विकास राज्य मंत्री श्री महेश चन्द्र गुप्ता, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव श्रम श्री सुरेश चन्द्रा, श्रम आयुक्त श्री राजशेखर, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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