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बिहार : नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर चुनने का अधिकार आम लोगों को देने के लिए राज्य कैबिनेट जल्द ही प्रस्ताव लाने की तैयारी में

बिहार के नगर निगमों में पार्षदों की बजाय अब सीधे वोटर ही मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करेंगे. इसके लिए बिहार सरकार जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रही है. कैबिनेट की स्वीकृति मिल जाने के बाद राज्यपाल इस पर अपनी सहमति देंगे.

दरअसल बिहार में होने वाले नगर निगम चुनाव का जो नया प्रारूप तैयार किया गया है उसे विधि विभाग ने भी मंजूरी दे दी है. पड़ोस के राज्य झारखंड समेत देश भर के कई राज्यों में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव आम लोग ही करते हैं. मौजूदा व्यवस्था के अनुसार निगमों में मेयर को कुर्सी को लेकर कई बार तकरार होती दिखती है.

बिहार में इस साल भी नगर निगम का चुनाव होना है और आने वाले चार पांच महीनों में चुनाव संभावित है लेकिन सरकार नगर निगम चुनाव के पहले नई व्यवस्था लागू करने का मन बना चुकी है.

नगर विकास एवं आवास विभाग के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो विधि विभाग इस पर सहमति जता चुका है. नगर विकास विभाग द्वारा निकायों के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. गठन के लिए प्रारूप पर विचार के लिए सूचना विभाग द्वारा जारी कर दी गई है.

दरअसल पिछले हफ्ते ही राज्य कैबिनेट द्वारा 3 नए नगर निकायों के गठन के अलावा सात के उत्क्रमित करने और दो नगर निकायों के क्षेत्र विस्तार समेत सात नगर निकायों के क्षेत्र और नाम में संशोधन की मंजूरी दी गई थी.

अब एक माह तक प्रारूप पर विचार किया जाएगा और इस अवधि में तो सबंधित प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारी के माध्यम से लोग अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे. लोग इसके लिए सुझाव भी दे सकेंगे.

सरकार ने पिछले कैबिनेट में फैसला लेते हुए सहरसा नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा दे दिया था. बिहार में अगर ये व्यवस्था इस साल होने वाले चुनाव से पहले लागू होता है तो मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी के लिए जंग काफी दिलचस्प हो जाएगी.

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