चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई शहरों में लगा लॉकडाउन जनजीवन अस्त-व्यस्त
चीन में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कई शहरों में लॉकडाउन की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. शिआन में कोविड-19 स्वास्थ्य कोड प्रणाली जो लोगों की गतिविधियों को सख्ती से नियंत्रित करती है के क्रैश होने से स्वास्थ्य की स्थिति और खराब हो गई है.
शिआन में वुहान के बाद महामारी का भीषण प्रकोप काफी असर डाल रहा है. इस बीच वायरस के प्रसार पर नियंत्रण करने के लिए चीन ने एक और शहर यूत्जू को पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया है. जबकि यहां कोरोना के महज तीन नए मामले ही सामने आए हैं.
स्वास्थ्य कोड सिस्टम ऐप के क्रैश होने की वजह से अस्पतालों में मरीजों की देखभाल करने वाले कर्मचारियों के लिए बाधाएं आई. इस मामले में एक बड़े अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. वही बीजिंग प्रशासन ने इस पर नाराजगी जताई.
म्यूनसिपल कम्युनिस्ट पार्टी कमेटीने एक बयान में कहा कि शिआन के बिग-डेटा ब्यूरो के प्रमुख लियू जून को खराब परफॉर्मेंस की वजह से अस्थायी रूप से बर्खास्त कर दिया गया. हालांकि समिति ने अपने फैसले के पीछे का कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया.
शिआन के स्वास्थ्य कोड प्रणाली में गड़बड़ी के बाद ऐसा किया गया. कोड सिस्टम के जरिए लोगों के स्वास्थ्य और टीकाकरण की स्थिति को ट्रैक किया जाता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोड सिस्टम क्रैश की वजह से लोग कोविड संक्रमण की स्थिति को जानने में असमर्थ हैं. प्रांतीय सरकार ने बाद में एक बयान में कहा कि अत्यधिक ट्रैफिक की वजह से सिस्टम अस्थाई तौर पर क्रैश हो गया.
बताया जाता है कि दिसंबर में भी इसमें तकनीकी दिक्कत आई थी. लोगों को अस्पतालों में प्रवेश करने के लिए अपना स्वास्थ्य कोड दिखाना होगा. जिससे ये साबित होगा कि वो कोरोना निगेटिव हैं.
शिआन शहर में लॉकडाउन की वजह से लोगों के सामने भोजन और मेडिकल देखभाल की कमी की समस्या है. शहर में 1,700 से अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं.
यहां के करीब 13 मिलियन से अधिक निवासियों को बिना किसी खास वजह के अपने घरों से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. चीन एकमात्र ऐसा देश है जो जीरो कोविड की रणनीति का अभ्यास कर रहा है.
जिसमें संक्रमण को शून्य स्तर पर लाने के लिए लगातार उपाय किए जा रहे हैं. अगले महीने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से पहले देश के कोविड के प्रकोप को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.