विश्व की सबसे राजनीति पार्टी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का आज जन्मदिन है। शाह आज 54 साल के हो गए हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। भाजपा के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले अमित शाह 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के प्रमुख रणनीतिकार और शख्सियत बनकर उभरे। अमित शाह ने एक आम कार्यकर्ता से पार्टी अध्यक्ष तक का लंबा सफर तय किया है। इस दौरान उन्हें कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। शायद यही वजह है कि अमित शाह अपने खिलाफ छपने वाली खबरों की कतरन भी सहेज कर रखते हैं।
स्टॉक ब्रोकर भी रहे हैं अमित शाह
अमित शाह का पूरा नाम अमित अनिल चंद्र शाह है। इनका जन्म व्यवसायी अनिलचंद्र शाह के घर [मुंबई] 1964 में हुआ। अमित शाह ने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी तक शिक्षा हासिल की है। बाद में वह अपने पिता के व्यवसाय से जुड़ गए। आगे चलकर उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से भाजपा में प्रवेश किया। उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य भी बनाया गया। कुछ समय तक उन्होंने स्टॉक ब्रोकर का भी कार्य किया। उसी दौरान वह आरएसएस से जुड़ गए और साथ ही भाजपा के सक्रिय सदस्य भी बन गए। इसी दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उस समय ही अमित शाह उनके करीब आए और गांधीनगर क्षेत्र में चुनाव में आडवाणी के साथ चुनाव प्रचार किया।
हर मोर्चे पर उतरे खरे
शाह गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन के अध्यक्ष और गुजरात राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रहे। गुजरात के पूर्व गृहमंत्री तथा लालकृष्ण आडवाणी के सबसे करीबी माने जाते थे। अमित शाह सबसे कम्र उम्र के गुजरात स्टेट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष बने। इसके बाद वे अहमदाबाद जिला को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रहे। 2003 में जब गुजरात में दोबारा नरेंद्र मोदी की सरकार बनी, तब उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया और गृह मंत्रालय सहित कई जिम्मेदारियां सौंपीं। उसके बाद अमित शाह बहुत ही जल्द नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी बन गए। अमित शाह अहमदाबाद के सरखेज विधानसभा क्षेत्र से लगातार 4 बार से विधायक हैं। 2002 में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य की 182 सीटों में से 126 सीटें जीती तो अमित शाह ने सबसे अधिक [1.58 लाख] वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया। अगले चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़कर 2.35 लाख वोट हो गया। 2004 में केंद्र सरकार द्वारा आतंकवाद की रोकथाम के लिए बनाए गए आतंकवाद निरोधक अधिनियम के बाद अमित शाह ने राज्य विधानसभा में गुजरात कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज क्राइम [संशोधित] बिल पेश किया। हालांकि राज्य विपक्ष ने इस बिल का बहिष्कार किया था।
2014 में प्रमुख रणनीतिकार बनकर उभरे
अमित शाह 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के प्रमुख रणनीतिकार और शख्सियत बनकर उभरे। लोकसभा चुनाव के दौरान एक आमसभा में भड़काऊ भाषण का आरोप लगा और चुनाव आयोग ने चुनावी रैली में भाषण देने पर पाबंदी लगाई। लेकिन उसमें भी उन्हें क्लीनचिट मिली। अमित शाह पर भाजपा ने एक बार अपना फिर से अपना विश्वास जताया और उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद पार्टी से इतने कार्यकर्ता जुड़े की आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।
..तब तक नहीं आएगा भाजपा का स्वर्ण काल!
भाजपा आज जिस मुकाम पर है, उसे वहां तक पहुंचाने में अमित शाह का भी योगदान रहा है। केंद्र में आज भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है। देश के ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार है, इसके बावजूद अमित शाह का मानना है कि ये भाजपा का स्वर्णिम काल नहीं है। अमित शाह के भाजपा अध्यक्ष रहते हुए त्रिपुरा के वामपंथी किले को भेद कर भाजपा की सरकार बनी थी। त्रिपुरा में कुल 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 36 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इतनी बड़ी जीत के बाद भी अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि भाजपा का स्वर्ण काल आना अभी बाकी है। जब तक भाजपा ओडिशा, पश्चिम बंगाल और केरल में सरकार नहीं बनेगी, तब तक भाजपा का स्वर्ण काल नहीं आएगा।
अमित शाह अपने खिलाफ छपी खबरों को भी रखते हैं संभालकर
शायद ही किसी को अपनी बुराई सुनना पसंद होगी। लेकिन अमित शाह अपने खिलाफ छपी खबरों को भी सहेज कर अपनी वेबसाइट पर रखते हैं। भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद से अमित शाह के खिलाफ छपीं दर्जनों खबरें उनकी वेबसाइट पर ही उपलब्ध मिल जाएंगी। इसके लिए लोगों को कहीं ओर जाने की जरूरत नहीं है। अमित शाह की आधिकारिक वेबसाइट का पता है- http://amitshah.co.in/ इस साइट को जब आप क्लिक करेंगे तो एक कॉर्नर प्रेस(PRESS) नाम से मिलेगा। जब आप ‘प्रेस’ कॉर्नर क्लिक करेंगे तो इसमें क्रिटिक ऑप्शन मिलेगा। इसके अंदर क्लिक करते ही आपको ऐसी तमाम नकारात्मक खबरें मिलेंगी।