सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करेगा…
सुप्रीम कोर्ट केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रवेश की इजाज़त देने वाले फैसले के खिलाफ दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर 13 नवंबर को सुनवाई करेगा। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 19 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं।
कोर्ट के आदेश के बाजवूद भारी विरोध के कारण अभी तक सबरीमाला मंदिर में अभी तक 10 से 50 साल तक की कोई महिला प्रवेश नहीं कर पाई है। इधर सुप्रीम कोर्ट में एक नई रिट याचिका दाख़िल हुई है, जिसमें सबरीमाला में महिलाओं को प्रवेश की इजाज़त देने वाले बहुमत के फ़ैसले का विरोध किया गया है।
800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना सुप्रीम फैसला सुनाते हुए नारियों को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दे दी है। अब सबरीमाला मंदिर में महिलाएं भी भगवान अयप्पा के दर्शन कर सकती हैं। मंदिर की इस प्रथा को शीर्ष अदालत की एक पीठ ने गैर कानूनी घोषित किया। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है। यह मंदिर चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां आने वाले श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ‘द इंडियन यंग लायर्स एसोसिएशन’ ने सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के इस मंदिर में पिछले 800 साल से महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को चुनौती दी थी। याचिका में केरल सरकार, द त्रावनकोर देवस्वम बोर्ड और मंदिर के मुख्य पुजारी सहित डीएम को 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने की मांग की थी। इस मामले में सात नंवबर 2016 को केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वह मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के समर्थन में है।