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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का प्रयास ,12 जनवरी को होगा इन्वेस्टमेंट मीट कार्यक्रम आयोजित

गोल्डन ट्रायंगल पर बसे दौसा का रोजगार की दृष्टि से सुनहरा भविष्य दिखाई दे रहा है. ऐसे में दौसा उद्योग विभाग और रीकों के संयुक्त प्रयास से दौसा में 12 जनवरी को इन्वेस्टमेंट मीट कार्यक्रम आयोजित होगा, जहां तकरीबन 600 करोड़ रुपये के एमओयू और एलओआई किए जाएंगे.

दौसा जिले में होकर भारतमाला का प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे गुजर रहा है तो वहीं, एनएच 21 और एनएच 148 भी दौसा में होकर गुजर रहा है. वहीं रेल मार्ग की बात करें तो दौसा सीधा जयपुर ,

दिल्ली और आगरा से जुड़ा है और आने वाले समय में दौसा सीधा मुंबई से भी जुड़ेगा. ऐसे में आवागमन का मार्ग सुलभ होने से दौसा निवेशकों के लिए भी एक अच्छी जगह साबित होगा.

दौसा उद्योग विभाग की महाप्रबंधक शिल्पा गोखरू का कहना है कि राजस्थान सरकार का प्रयास है प्रदेश में अधिक से अधिक निवेशक आएं और अपना उद्योग स्थापित करें, जिससे प्रदेश की बेरोजगारी समाप्त होगी.

उन्होंने कहा कि स्थानीय बेरोजगारों को वहीं रोजगार मिलेगा तो पलायन की नौबत नहीं आएगी. शिल्पा गोखरू ने कहा राजस्थान में निवेशकों के लिए राज्य सरकार एक अच्छा माहौल दे रही है. साथ ही यह वादा भी कर रही है कि वह अधिक से अधिक राजस्थान में निवेश करें और सरकार हर संभव मदद करेगी.

दौसा रीको के प्रबंधक परेश सक्सेना का कहना है उद्योग विभाग के साथ मिलकर रीको का मकसद है दौसा जिले में अधिक से अधिक कल कारखाने और उद्योग स्थापित हो इससे दौसा जिले में निवेशक आते हैं तो एक ओर जहां बड़े उद्योग धंधे यहां स्थापित होंगे तो उन में हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा साथ ही यहां की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी ।

दौसा जिले में आयोजित होने वाले इन्वेस्टमेंट मीट को लेकर उद्योग विभाग और रीको जोर-शोर से तैयारियों में जुटा हुआ है. दोनों ही विभाग के अधिकारी मिलकर एक बड़ा निवेश दौसा में लाने के लिए प्रयासरत हैं.

वहीं, कलेक्टर पीयूष समारिया के निर्देश पर उद्योग विभाग की महाप्रबंधक शिल्पा गोखरू और दौसा रीको के प्रबंधक परेश सक्सेना ऐसे निवेशकों से संपर्क कर रहे हैं, जो दौसा में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का प्रयास है कि प्रदेश में सभी जिलों में इन्वेस्टमेंट मीट आयोजित कर अधिक से अधिक निवेशक लाया जाएं और उन्हें अच्छा माहौल देते हुए प्रदेश में उद्योग स्थापित करवाए जाएं, जिससे प्रदेश में एक ओर जहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी तो प्रदेश संपन्न होगा.

साथ ही बेरोजगार युवाओं को प्रदेश से रोजगार के लिए अन्य राज्यों के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा. उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलेगा तो उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. दौसा जिले के लिए ऐसा पहला मौका होगा, जब एक साथ करीब छह सौ करोड़ रुपये के एमओयू और एल ओ आई साइन होंगे.

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