असदुद्दीन ओवैसी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की जारी
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के पहले चरण के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. एआईएमआईएम ने यूपी में 100 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. यूपी की 92 सीटों पर मुस्लिम वोटर निर्णायक भूमिका में है.
एआईएमआईएम ने लोनी से डॉक्टर महताब, गढ़मुक्तेश्वर से फुरकान चौधरी, धौलाना से हाजी आरिफ, सिवल खास से रफत खान, सरधना से जीशान आलम, किठौर से तस्लीम अहमद, बेहट से अमजद अली, बरेली से शाहीन रजा खान और सहारनपुर देहात से मरगूब हसन को टिकट दिया है.
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ज़ी न्यूज़ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि पिछले 5 साल में यूपी में हमारे संगठन के लोगों ने काफी मेहनत की है और उसका नतीजा हमें जिला परिषद के चुनाव में दिखाई दिया. हमारा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा. मुझे भरोसा है कि आने वाले चुनाव में यूपी की जनता हमें वोट देगी और जिताएगी.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की तरफ से जितने भी बयान आ रहे हैं चाहे उनके मुख्यमंत्री हों, प्रधानमंत्री हों, सभी कोशिश कर रहे हैं कि हिंदुत्व के नाम पर वोट लिया जाए. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा इस तरह की बातें और बढ़ेंगी क्योंकि बीजेपी के पास यूपी में विकास के
नाम पर दिखाने के लिए कुछ है ही नहीं. कुपोषित बच्चे सबसे ज्यादा यूपी में हैं. बीजेपी ने 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था वो नहीं मिले. कोविड की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं. महंगाई भी मुद्दा है.
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएम योगी बताएं कि वो किन 20 प्रतिशत लोगों की बात करते हैं? वो लोग भारत के नागरिक हैं या नहीं. क्या वो सबके मुख्यमंत्री हैं? या फिर वो सिर्फ उन्हीं के मुख्यमंत्री हैं जो सिर्फ उन्हीं की विचारधारा को मानते हैं.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ बौखलाए हुए हैं. पहले सुनने में आया कि वो किसी और विधान सभा से चुनाव लड़ेंगे लेकिन अब फिर वहीं से लड़ रहे हैं जहां से वो लड़ते आए हैं.
मुस्लिम मुख्यमंत्री के सवाल पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम सामाजिक न्याय की बात करते हैं. 19 फीसदी अल्पसंख्यक हैं. हम अपनी भागीदारी की बात करते हैं. समाजवादी पार्टी को इतनी बार मौका मिला, उन्होंने कब मुस्लिमों के साथ सामाजिक न्याय किया?