संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि यमन भयंकर अकाल के कगार पर खड़ा है. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के अवर महासचिव मार्क लोकॉक ने मंगलवार को कहा कि यमन पर अब स्पष्ट रूप ये भयंकर अकाल का खतरा मंडरा रहा है.
उन्होंने यमन में भारी तबाही को देखते हुये ब्रिटिश की पहल पर आयोजित सुरक्षा परिषद की बैठक में वहां खाद्य सहायता सामग्री वितरण और बुनियादी जरुरतों से संबंधित सुविधाएं पहुंचाने के फैसले के लिए मानवीय युद्धविराम की अपील की. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि संघर्ष में शामिल सभी पक्ष अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन कर रहे हैं.
1.4 करोड़ लोग हो सकते हैं प्रभावित
संयुक्त राष्ट्र ने पहले अकाल में 1.1 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की बात कही थी लेकिन अब उनके मुताबिक 1.4 करोड़ लोग इस भंयकर अकाल की चपेट में आ सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने सितंबर में भी इसे लेकर आगाह किया था. आपातकालीन राहत समन्वयक लोकॉक ने कहा कि वहां की स्थिति बदतर हो चुकी है.
2015 से यमन में चल रहा है भीषण संघर्ष
यमन में 2015 से भीषण संघर्ष चल रहा है, जिसमें अब तक करीब 10,000 लोगों की मौत हो चुकी है और संयुक्त राष्ट्र ने इसे दुनिया का सबसे बदतर मानवीय संकट करार दिया है.