झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन सभी जिलों में 14 चावल मिलों की रखी आधारशिला
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को 10 जिलों में 14 चावल मिलों की आधारशिला रखी और कहा कि कृषि उत्पाद की मांग को पूरा करने के लिए राज्य में 100 और ऐसी सुविधाओं की आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार खेती से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए काम कर रही है क्योंकि भारी मात्रा में चावल की खरीद एक चुनौती है.
चावल की यह 14 मिलें गढ़वा, पलामू, लातेहार, पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, धनबाद, बोकारो और गोड्डा जिलों में स्थापित की जाएंगी. सोरेन ने कहा, ‘हम कृषि के मद्देनजर बुनियादी ढांचे का विकास करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
मौजूदा समय में उचित सुविधाओं के अभाव में, सरकार किसानों से पर्याप्त मात्रा में चावल की खरीद करने में सक्षम नहीं है. हम जल्द ही इन 14 मिलों की स्थापना करेंगे ताकि उत्पादकों को लाभकारी मूल्य मिले. राज्य में कम से कम 100 ऐसी और इकाइयों की आवश्यकता है.’ झारखंड में इस समय 80 चावल मिलें हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, ‘राज्य में कुल चावल की खेती प्रति वर्ष 50-60 लाख टन है, लेकिन बुनियादी ढांचे के अभाव में केवल 15 लाख टन ही मिलों को भेजा जाता है.’ उन्होंने कहा कि चावल मिलों के अलावा, सरकार खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, डेयरी, पशुपालन और मत्स्य पालन पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है.
वहीं, खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस समय हमें राइस मिल्स की जरूरत थी. हमें आज भी धान बिहार और छत्तीसगढ़ भेजना पड़ता है. 20 मिल्स का प्रस्ताव विभाग ने दिया था, 14 को स्वीकृत मिल गई हैं .