गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर नगर निगम की ओर से वर्चुअल माध्यम से कवि सम्मेलन हुआ आयोजित
गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर नगर निगम की ओर से वर्चुअल माध्यम से कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता कर मेयर गौरव गोयल ने कहा हमें आजादी के दीवानों को हमेशा याद रखना चाहिए। जिनकी शहादत से देश को स्वतंत्रता मिली उन्हीं के त्याग और बलिदान के कारण आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं।मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि सतीश शास्त्री ने काव्य पाठ कर कहा, विहिरो बिहारी की विहार वाटिका में चाहे, सूर की कुटी में अड़ आसान जमाइए, देश के शहीदों को प्रतिदिन शीश झुकाइए। वीर रस के कवि किसलय क्रांतिकारी ने कहा तिरंगा हो कफन मेरा यही अरमान रखता हूं, मैं भारती मां का सदा सम्मान करता हूं, शहीदों की शहादत का सदा गुण गान करता हूं, अखंड स्वतंत्रता की निसदिन कामना करता हूं।
वरिष्ठ कवि सुबोध पुंडीर सरित ने कहा मैं सोच रहा हूँ, भारत ने प्रगति का शिखर छुआ होता, गांधी सुभाष जुड़ जाते तो भारत कुछ और हुआ होता। गांधी तो धर्म ध्वजा से थे करुणा, समता, सच्चाई के थे, बोस शक्ति की दीपशिखा, आदर्श पुरुष तरुणाई के। इस अवसर पर डॉ. मधुराका सक्सेना, नरेश राजवंशी, एसके सैनी, सुबोध पुंडीर सरित, हरिप्रकाश खामोश, डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण, कृष्ण सुकुमार, डॉ. आनंद भारद्वाज, डॉ. शालिनी जोशी पंत, पंकज गर्ग, अफजल मंगलौरी, पंकज त्यागी, अजय त्यागी, प्रवीण पुरी, नीरज नैथानी, अलका घनशाला आदि मौजूद रहे।