यूएई और अमेरिका ने अबू धाबी पर हूती विद्रोहियों का हमला नाकाम किया
यमन के हूती बागियों ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी पर मिसाइलें दागने की जिम्मेदारी लेते हुए विदेशी कंपनियों और निवेशकों से यूएई छोडऩे को कहा है।
हूती विद्रोही समूह द्वारा दागी गईं दो बैलिस्टिक मिसाइलों को यूएई और अमेरिकी सेना ने सोमवार सुबह बीच में ही रोक कर नष्ट कर दिया। यह अबू धाबी को निशाना बनाकर किया गया इस तरह का एक हफ्ते में दूसरा हमला था। सोमवार के हमले के बाद यूएई के लड़ाकू विमानों ने उस लॉन्चर को भी नष्ट कर दिया जहां से ये मिसाइलें दागी गई थीं।
इस हमले ने फारस की खाड़ी में तनाव बढ़ा दिया है। इस तरह के हमले यूएई के आसपास तो होते थे लेकिन मुल्क में कभी नहीं हुए। यमन में सालों से चल रही जंग और वैश्विक शक्तियों के साथ ईरान का परमाणु समझौता नाकाम होने के बाद यह हमला हुआ है। राजधानी अबू धाबी के अल-जफ़रा वायु सेना केंद्र पर मौजूद दो हजार अमेरिकी सैनिकों को हमले के दौरान बंकरों में पनाह लेनी पड़ी और पैट्रियट मिसाइलें दागनी पड़ीं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दिख रहा है कि सोमवार तड़के अबू धाबी के आसमान में बिजली चमकती है और धमाके की आवाज़ आती है। दरअसल, यह ‘इंटरसेप्टर मिसाइलोंÓ द्वारा बीच में ही बैलिस्टिक मिसाइलों को रोककर नष्ट करने की आवाज़ थी।
यमन में हूती सेना के प्रवक्ता याहिया सरई ने टीवी पर प्रसारित एक बयान में हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि बागियों ने ज़ुल्फिकार बैलिस्टिक मिसाइल तथा ड्रोन से हमला किया है जिसमें एयर बेस भी शामिल है। उन्होंने चेताया कि जब तक यमनी लोगों पर हमले जारी रहते हैं तब तक यूएई को निशाना बनाया जाता रहेगा।