सपा प्रदेश मुख्लालय में झंडारोहण कार्यक्रम चुनाव में समाजवादियों के साथ आ रहें है अम्बेडकरवादी:अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अंबेडकरवादी लोग उत्तर प्रदेश के चुनाव में समाजवादियों का साथ देने के लिए आगे आ रहे हैं। हम सभी लोगों को उनका हाथ थाम कर अपने साथ लाने की जरूरत है। अखिलेश ने कहा कि देश तभी मजबूत होगा जब गरीब और किसान के बारे में सोचने वाली सरकारी बनेंगी।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर सपा प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ झंडारोहण के बाद मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेना है कि हमें लोकतंत्र और बाबा साहब के संविधान को बचाना है। आज जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वह नकारात्मक सोच के लोग हैं, समाज को लड़ाना चाहते हैं। हम सभी समाजवादी लोगों को इनसे मुकाबला करना है। अखिलेश ने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव इन नकारात्मक सोच के लोगों का लगातार मुकाबला करते रहे। भाजपा को ऐसे समय में हराया, जिस समय कोई सोच नहीं सकता था कि भाजपा हारेगी। नेताजी समाज के दबे, कुचले और शोषित लोगों को साथ लेकर आए थे। मान्यवर कांशीराम जी को साथ लाकर देश की राजनीति को नई दिशा देने का काम किया था। इससे पहले भी समाजवादी और अंबेडकरवादी लोग साथ आना चाहते थे। जो लोग जानते हैं, उन्हें पता है कि डॉ राम मनोहर लोहिया और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर दोनों साथ मिलकर काम करना चाहते थे और समाज को आगे बढ़ाना चाहते थे। उस समय परिस्थितियों ने साथ नहीं दिया। लेकिन इस विधानसभा चुनाव में जब हम लोग जनता के बीच जा रहे हैं, तो महसूस हो रहा है कि अंबेडकरवादी लोग समाजवादियों का साथ देना चाहते हैं।
अखिलेश ने कहा कि आज हम लोग गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। देश को आजाद कराने वाले शहीदों और उनके परिवारों को याद कर रहे हैं। आज का दिन धरने पर बैठे उन किसानों और उनके बीच शहीद हुए लोगों को भी याद करने का दिन है। धरने पर बैठे 700 किसान शहीद हुएए तब काले कानून वापस हुए। एक तरफ किसान को अपने हक और सम्मान की लड़ाई लडऩी पड़ रही है, वहीं किसान और गांव का बेटा देश की सीमा पर रक्षा कर रहा है। सीमाओं पर रक्षा में सबसे ज्यादा गांव और किसान के बेटे हैं। लेकिन भाजपा की सरकार में उसी किसान के साथ क्या क्या नहीं हुआ। सडक़ पर कीलिया लगा दी गईए आरसीसी की दीवार बना दी गईए डीजल नहीं दिया गया और आंदोलन में 700 किसान शहीद हुए। इस अपमान और अन्याय को किसान कभी नहीं भूल सकता है। आज सत्ता में वही लोग बैठे हैं, जिनके बेटों ने किसानों को कुचल दिया उनकी हत्या कर दी।