भाजपा शासित एमसीडी का एक और बड़ा घोटाला : आप
आम आदमी पार्टी ने भाजपा शासित एमसीडी पर टोल टैक्स कंपनी के साथ मिलकर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि टोल टैक्स निगम की आय का एक बड़ा सोर्स है, जाते-जाते भाजपा उसमें भी सेंध लगा रही है। साउथ एमसीडी के नेता विपक्ष प्रेम चौहान ने आगामी स्टैंडिंग कमिटी की बैठक और आगामी हाउस में इस मुद्दे को उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम यह प्रस्ताव पास नहीं होने देंगे। ईस्ट एमसीडी के नेता विपक्ष मनोज त्यागी ने कहा कि कोरोना के नाम पर भाजपा ने पहले पार्किंग माफियों का पैसा माफ किया और अब टोल टैक्स कंपनी को इतनी भारी छूट दे रही है। नॉर्थ एमसीडी के नेता विपक्ष विकास गोयल ने कहा कि 35 करोड़ माफ करना कोई छोटी बात नहीं है, पर्दे के पीछे देखें तो पैसों की बंदरबांट की जा रही है। भाजपा के अनुसार कोरोना सिर्फ अरबपतियों के लिए आया। आम जनता को वह कभी ट्रेड लाइसेंस फीस बढ़ाकर परेशान करते हैं तो कभी हाउस टैक्स बढ़ाकर परेशान करते हैं। एमसीडी के तीनों विपक्ष के नेताओं ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। साउथ एमसीडी के नेता विपक्ष प्रेम चौहान ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि निगम का एक बड़ा आय का सोर्स टोल टैक्स होता है। जिससे दिल्ली निगम को हर साल लगभग हज़ार करोड़ के आसपास मिलता है। अब यह निगम पर है कि उस पैसे को कैसे लेना है, किस माध्यम से लेना है, क्या मापदंड रखने हैं, यह सारी चीजें पहले से तय होती हैं। एक कंपनी है सहकार ग्लोबल कंपनी, हाल ही में इस कंपनी को नया टेंडर दिया गया। कंपनी का एक रूल होता है जिसमें कॉन्ट्रैक्ट में 10त्न का एडवांस, 5त्न सरकार का और 5त्न कंपनी का होता है। पिछले टेंडर में भी यही बात रही थी कि निगम का कहना था कि वह पूरा पैसा नहीं ले पा रही है। निगम ने इस बार कंपनी को 5त्न माफ कर दिया है, जो कि पूरा-पूरा निगम के हाथ में था। इस अनुसार निगम ने कंपनी को 35 करोड़ का डिस्काउंट दे दिया। भाजपा के नेता बताएं कि 35 करोड़ रुपए जो दिल्ली की जनता के पैसै थे, वह उस कंपनी को क्यों माफ किए गए। उस कंपनी के साथ निगम की क्या सांठगांठ है। कल साउथ एमसीडी की स्टैंडिंग कमिटी की बैठक है, उसमें रेमिशन के नाम पर निगम लगभग 50 करोड़ का डिस्काउंट देने वाले हैं। अपने प्रस्ताव में इन्होंने जो तथ्य रखे हैं, उसके अनुसार पहला 28-02-21 से लेकर 29-08-21 की तारीख है और दूसरा 30-08-21 से लेकर 30-10-21 की तारीख है। हम सब जानते हैं उस समय कोरोना गंभीर नहीं था। अप्रैल और मई में गंभीर रूप से मामले आ रहे थे लेकिन उसके बाद स्थिति सामान्य हो गई थी।
अब जब निगम से भाजपा की विदाई होने वाली है, तो अब कंपनी को ऐसा रेमीशन देने का क्या अर्थ है? भाजपा के नेता और प्रदेश अध्यक्ष इसपर जवाब दें। उन्हें अच्छे से पता है कि इस तरह के भ्रष्टाचार को कैसे अंजाम देना है। आदेश गुप्ता को अच्छे से पता है कि यह पैसा कहां जा रहा है। कल स्टैंडिंग कमिटी की बैठक में हम इसका विरोध करेंगे और अगली हाउस में भी इसका मुद्दा उठाएंगे। यह प्रस्ताव में बिल्कुल पास नहीं होने देंगे। दिल्ली की जनता सब देख रही है, आने वाले चुनाव में आपको इसका जवाब मिलेगा। ईस्ट एमसीडी के विपक्ष के नेता मनोज त्यागी ने कहा कि पिछले 15 सालों से एमसीडी में जो भ्रष्टाचार चल रहा है, उसने सभी हदें पार कर दी हैं। कोरोना काल में जब सबकी गाडिय़ां घरों में खड़ी थीं, उस दौरान निगम ने पार्किंग माफियाओं का पैसा माफ कर दिया। इसको लेकर हमने सदन से लेकर सड़क तक इसका विरोध किया था। उस प्रकार से आज यह लोग टोल-टैक्स का पैसा माफ करने का काम कर रहे हैं। आप देखेंगे कि जो टोल-टैक्स के माफिया हैं वह किस प्रकार से गाडिय़ों को पास कराते हैं और वहां पर मोटी-मोटी उगाही करने का काम करते हैं। मीडिया से मेरे एक साथी की गाड़ी उन्होंने पास नहीं होने दी लेकिन ऐसी कई गाडिय़ां थीं, जिससे उन माफियाओं ने पैसा लेकर पास होने दिया। एमसीडी को जहां-जहां से अच्छा रेवेन्यू आ सकता है, भाजपा उन तमाम जगहों पर भ्रष्टाचार कर के अपनी जेबे भरने का काम करती है। पार्किंग के पैसे छोडऩे की बात हो या टोल-टैक्स के पैसे छोडऩे की बात हो, यह तमाम चीजें साबित करती हैं कि भाजपा भ्रष्टाचार में पूरी तरह से लिप्त है। उन ठेकेदारों से मिलीभगत कर अपनी जेबे भर रही है। एमसीडी के आगामी चुनाव में दिल्ली ने जनता ने भाजपा को एमसीडी से बाहर निकालने का मन बना लिया है।
नॉर्थ एमसीडी के विपक्ष के नेता विकास गोयल ने कहा कि आपदा में अवसर कैसा ढूंढ़ा जाता है, यह आप भारतीय जनता पार्टी से सीख सकते हैं। जबसे कोरोना आया है, यह पहली बार नहीं हो रहा है कि कोरोना के नाम पर भाजपा ने ठेकेदारों का पैसा माफ किया है। पिछले ढ़ाई साल से पार्किंग वालों को, विज्ञापन वालों को, टोल-टैक्स वालों को भाजपा करोड़ों का रेमीशन दे चुकी है। आप देखिए कि जिस कोविडकाल की बात कर के भाजपा बड़ी-बड़ी कंपनियों को, जो पार्किंग वाले हैं, जो विज्ञापन वाले हैं, जो टोल-टैक्स वाले हैं उनको तो छूट दे रहे हैं। दूसरी तरफ दिल्ली की जनता के साथ क्या कर रहे हैं? उनका हाउस टैक्स बढ़ा देते हैं, ट्रेड लाइसेंस फीस बढ़ा देते हैं।भाजपा की माने तो कोविड सिर्फ और सिर्फ अरबपतियों और पूंजीपतियों के लिए था। आम आदमी पर जितना मर्जी बोझ डालो। तो भाजपा जो कर रही है, वह कोई छोटी छूट नहीं है, हज़ारों करोड़ों की छूट दी जा रही है। पर्दे के पीछे देखें तो पैसों की बंदरबांट की जा रही है। आधा पैसा बीजेपी के नेताओं की जेब में जा रहा है। और आधा पैसा ठेकेदारों की जेब में जा रहा है। यदि इसकी जांच कराई जाए, तो भाजपा के सभी नेता इसमें बुरी तरह फंसेंगे। आज मैं आदेश गुप्ता से कहना चाहता हूं कि आप जो बार-बार कहते हैं कि आम आदमी पार्टी झूठे आरोप लगाती है, तो आप किसी निष्पक्ष एजेंसी से इसकी जांच कराएं। उस जांच की रिपोर्ट दिखाइए। आपको भी पता चल जाएगा कि आपके पार्षद क्या कर रहे हैं।