प्रदर्शन करते नौजवान भारत सभा के कार्यकर्ता। यह नौभास ने प्रदर्शन कर छात्र नेता की रिहाई की उठाई मांग
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रेलवे एनटीपीसी नतीजों में हुई धांधली के खिलाफ बिहार और इलाहाबाद में आन्दोलित छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ बिहार बन्द के आवाहन के समर्थन में नौजवान भारत सभा ने रामनगर बाजार में विरोध प्रदर्शन किया।
शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए नौभास के सुरेश ने कहा कि आरआरबी एनटीपीसी के पहले चरण के नतीजों में व्याप्त धांधली के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों में बडे पैमाने पर रोष है। रेलवे रिक्रूटमेन्ट बोर्ड ने शुरु में कहा था कि पदों की संख्या के बीस गुना छात्र प्राथमिक परीक्षा पास कराये जायंेगे तथा उन्हें दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। प्राथमिक परीक्षा के नतीजे कुछ ऐसे बनाये कि एक ही विद्यार्थी का नाम पांचों सूचियों में आया है। इससे महज तीन लाख 85 हजार छात्रों को ही पहली परीक्षा में पास किया गया। जबकि इनकी संख्या सात लाख होनी थी। रेलवे गुु्रप डी के एक लाख पदों पर नियुक्ति के लिए कम्प्यूटर आधारित दूसरे चरण की परीक्षा सीबीटी – 2 कराने का भी प्राविधान रेलवे रिक्रूट बोर्ड के नोटीफिकेशन ने जारी किया था। पटना से लेकर इलाहाबाद तक जगह-जगह प्रदर्शन हुए। जो भी छात्रों की बात सुनने की बजाय सुनने की बजाय करना आन्दोलन का दमन करने की कोशिश की। इलाहाबाद के बघाडा में तो छात्रों को तो गलियों में दौडा-दौडाकर पीटा गया। उनके लाज में घुसकर उन्हें मारा गया। दरवाजे, खिडकियां तोडी गईं। 15 सौ से अधिक छात्रों पर मुकदमे दर्ज किये गये।
सभा में रवि ने कहा कि सरकार और पुलिस का बर्बर दमन पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। बढती बेरोजगारी और निजीकरण के कारण प्रतियोगी छात्र-छात्राओं में हताशा फैली है। ढेरों छात्र-छात्रा आत्महत्या को मजबूर हुए हैं। नौभास ने प्रशासन को चेताया कि जल्द आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा में पारदर्शिता लाते हुए सात लाख लोगों के परीक्षा देने का प्राविधान न होने पर नौभास आन्दोलन को मजबूर होगा। प्रतियोगी छात्र मोर्चा के राजेश सचान की तत्काल रिहाई की जाये। प्रदर्शन में रामसलोरे, राहुल, कौशल, बुधई, राजकरन, मनीष, रजनीश, पंकज आदि शामिल रहे।