
अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में शीघ्र तेज वृद्धि किये जाने के संकेत से हतोत्साहित निवेशकों की जबरदस्त बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह तीन फीसदी से अधिक लुढ़के शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह नये वित्त वर्ष के लिए जारी होने वाले बजट और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1836.95 अंक यानी 3.11 प्रतिशत टूटकर 57200.23 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 543.3 अंक अर्थात 3.09 प्रतिशत गिरकर 17101.95 पर रहा। इस दौरान दिग्गज और मझौली कंपनियों के मुकाबले छोटी कंपनियों में बिकवाली का दबाव अधिक रहा। बीएसई का मिडकैप जहां 3.06 फीसदी का गोता लगाकर 24186.73 अंक पर आ गया वहीं स्मॉलकैप 3.43 फीसदी लुढ़ककर 28940.18 अंक पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह संसद में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश होगा। इस लिहाज से अगला सप्ताह बहुत महत्वपूर्ण और बेहद अस्थिर रहने वाला है लेकिन इस बार अच्छी बात यह है कि बाजार बहुत हल्के नोट पर बजट की ओर बढ़ रहा है। बजट के बाद बाजार में तेजी आने की संभावना अधिक है। पिछले साल भी इसी तरह का रुझान देखा गया था, जहां बाजार में बजट से पहले बिकवाली हुई लेकिन बजट के बाद तेजी आई थी।
अगले सप्ताह बजट के अलावा, वैश्विक संकेत भी बहुत महत्वपूर्ण होंगे। जहां वैश्विक बाजार ब्याज दर में बढ़ोतरी होने के संकेत के साथ सामंजस्य बिठाने का प्रयास कर रहा है लेकिन भू-राजनीतिक अनिश्चितता प्रमुख चिंता का विषय है। डॉलर में तेजी और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के परिणाम के लिहाज से अब तक का सत्र अच्छा रहा है। हालांकि अगले सप्ताह भी कई कंपनियों के परिणाम जारी होने हैं।
इनके अलावा अगले सप्ताह एफआईआई के रुख का भी असर रहेगा। बीते सप्ताह एफआईआई 22000 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे हैं। हालांकि घरेलू निवेशकों (डीआईआई) ने एफआईआई की बिक्री के 50 प्रतिशत की भरपाई करने की कोशिश की है। उन्होंने नकद बाजार में लगभग 11000 करोड़ रुपये की लिवाली की है।