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यूक्रेन- रुस युद्ध : मौत से लड़कर अपनों के बीच घर पहुंचा लाड़ला,माता-पिता ने राहत की ली सांस  

कानपुर ।  यूक्रेन और रूस वॉर के बीच भारतीय छात्रों के वतन वापसी सिलसिला और तेज हो गया है। यूक्रेन से 4 एमबीबीएस छात्र सही सलामत कानपुर लौट आए हैं। मौत से लड़कर अपनों के बीच घर पहुंचकर उनको और उनके माता-पिता ने राहत की सांस ली है। कानपुर पहुंचे निर्दोष यादव ने बताया कि रोमानिया बॉर्डर से 30 किमी पहले जबरदस्ती बस वाले ने उतार दिया। इसके बाद माइनस डिग्री तापमान में ही वे पैदल ही रोमानिया बॉर्डर पहुंचे। निर्दोष ने बताया कि पिता आर्मी से रिटायर हैं तो उनका अनुभव खूब काम आया।
हमले के वक्त क्लास में थे
निर्दोष यादव यूक्रेन के इवानो मेडिकल कॉलेज में छात्र हैं। उनके पिता कैप्टन विजय यादव आर्मी से रिटायर हैं। निर्दोष ने बताया कि वहां छात्रों को 100 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी है। ऑनलाइन क्लास न होने के कारण वह लोग वहां रुके थे। जिस दिन यूक्रेन पर रूस ने हमला किया। उस दिन वह क्लास में थे। हालांकि जिस जगह पर रूस द्वारा हमला किया जा रहा है। वह वहां से करीब एक हजार किमी. दूर थे।
फ्लाइट की टिकट समय से नहीं मिली
युद्ध शुरू होने के बाद सभी छात्रों ने एक साथ फ्लाइट बुक करने का प्रयास करने लगे तो टिकटें भी उपलब्ध नहीं थी। यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्राइवेट बसें बुक की। जिसके बाद 25 फरवरी को वह लोग पासपोर्ट व जरूरी सामान लेकर बस से रोमानिया बार्डर के लिए निकले। बार्डर से करीब 30 किमी.दूर उन्हें बसों ने छोड़ दिया। इस दौरान वहां मौसम का तापमान माइनस डिग्री था लेकिन पैदल ही बॉर्डर के लिए निकल पड़े। बार्डर के पास पहुंचने के बाद वहां कि स्थिति बहुत ही खराब थी।
यूक्रेन के सैनिकों से हुई धक्कामुक्की
यूक्रेन की सेना द्वारा 500 यूक्रेन वासियों के बाद 50 अन्य देशों के लोगों को बार्डर से निकलने का मौका दे रहे हैं। इस दौरान वहां के यूक्रेन के सैनिकों द्वारा भारतीय व अन्य देशों के लोगों से मारपीट भी की जा रही थी। किसी तरह वह यूक्रेन की सैनिकों को धक्का-मुक्की कर रोमानिया के बार्डर तक पहुंचे। वहां पर पहुंचते ही भारतीयों के लिए रूकने व खाने की पूरी व्यवस्था थी।

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