रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच वापस घरों को लौटे लोगों ने सरकार को कहा धन्यवाद
महोबा । रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अब भारतीय छात्रों की वतन वापसी हो रही है। जिले के कस्बा पनवाड़ी के चार छात्र और महोबा की एक छात्रा की वतन वापसी हुई। कुलपहाड़ में वापस आए छात्रों का स्वागत किया गया। अपने घर पहुंची महोबा की अंशिका हंगरी के रास्ते भारत से दिल्ली पहुंची और वहां से ट्रेन के माध्यम से महोबा आ सकीं। बता दें कि हमीरपुर जिले के मौदहा कस्बा निवासी सुरेश सिंह वर्तमान में महोबा के आलमपुरा मोहल्ले में रह रहे हैं। वह इस समय चकबंदी अधिकारी के पद पर फर्रुखाबाद में तैनात हैं। उनकी पुत्री अंशिका 24 जनवरी को महोबा से यूक्रेन एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गई थीं। अंशिका की मां सदाप्यारी और भाई उज्ज्वल सिंह लगातार उसको लेकर परेशान थे। उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद दिया। अंशिका ने बताया कि बीते फरवरी माह में जैसे ही हालात खराब होने की जानकारी हुई तो उसने पापा से बात की और वापस आने की इच्छा जताई। वहां फ्लाइट के लिए संपर्क भी किया लेकिन किराया बहुत महंगा था। इस कारण इंतजार करना पड़ा। अचानक यूक्रेन ने जब हमला कर दिया तो वहां से और छात्र बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। इधर भारतीय दूतावास से भी निर्देश हुए कि छात्र हंगरी या अन्य दूसरे देश की सीमा पर पहुंचें वहां से फ्लाई के जरिए उन्हें भारत सरकार अपने किराए पर देश वापस लाएगी। वह उजग्रोथ यूनिवर्सिटी में थीं। वहां से वह बस से अन्य भारतीय छात्र-छात्राओं के साथ हंगरी सीमा पर पहुंच गए थे। वहां से फ्लाइट से दिल्ली पहुंची और फिर वहां से ट्रेन से महोबा आ सकी। वहीं प्रधान पनवाड़ी के संजय द्विवेदी का पुत्र राज अभी भी हंगरी सीमा पर है। एक-दो दिन में वह भी वापस आ जाएगा। उधर पनवाड़ी के चार छात्र भी लौटकर आए है और उनका नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि अमित प्रताप सिंह, उमाशंकर मिश्र, ज्येंद्र सिंह चंदेल व सोनू सिंह ने छात्रों का स्वागत किया। गौरतलब हो कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अब भारतीय छात्रों की वतन वापसी हो रही है और वापस लौटकर आए छात्र छात्राओं ने इसके लिए सरकार को धन्यवाद दिया। पनवाड़ी के चार छात्र और महोबा की एक छात्रा की वतन वापसी हुई। कुलपहाड़ में वापस आए छात्रों का स्वागत किया गया। अभी भी कई छात्र छात्राएं वहां फंसे है और उनकी भी जल्द ही घर वापसी की उम्मीद लगाई जा रही है।