हाय हाय जिंदगी से बने वाह जिंदगी वाह: ब्रम्हाकुमारी
महोबा । अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारी द्वारा मुकुल विवाह घर के हॉल में ‘वाह जिंदगी वाह’ विषय पर प्रेरक सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नगर के अनेक संस्थाओं की संचालिकाएं, माताएं, बहने मौजूद रही। सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी बीके सुधा बहन, चरखारी बीके पाठशाला प्रभारी बीके जयदेवी, बीके जयंती बहन, बीके सुदामा बहन, प्रेरक वक्ता राजयोग शिक्षिका बीके रूपाली बहन, डॉक्टर अमिता जिला चिकित्सालय महोबा, डॉक्टर विभा पुरवार, डा. निम्मी शुक्ला, ग्रामोन्नति संस्थान की कल्पना खरे, दीपाली तिवारी, प्रियांशी आर्या आदि उपस्थित रही। मंच संचालन बीके अपर्णा नायक तथा बीके निधि जैदका द्वारा किया गया। बीके सुधा बहन ने ‘आध्यात्मिक सशक्तिकरण से नारी सशक्तिकरण’ विषय पर बताया कि कामयाब पुरुष के पीछे एक स्त्री का हाथ होता है, जैसे तुलसी दास कालिदास, दीदी ने ऐतिहासिक साहस की मिसाल मूर्ति “पन्नाधाय“ का उदाहरण देते हुए देश के भले के लिए व्यक्तिगत स्वार्थों की बलि चढ़ाने की दी प्रेरणा। बीके रुपाली द्वारा ‘हाय हाय ज़िंदगी’ को अलविदा करते हुए ‘वाह ज़िंदगी वाह!’अपनाने की प्रेरणाये दी। साथ ही माताओं बहनों के व्यक्तिगत प्रश्नों का समाधान दिया। संस्था से जुड़ी गृहस्थी और नौकरियों में बेहद व्यस्त महिलाओं का संस्था के साथ अपना आध्यात्मिक अनुभव कार्यक्रम का मुख्य बिंदु रहा। जिसमें डॉक्टर एकता बरसैया ने बेहद व्यस्त होने के बावजूद आध्यात्म को अपने जीवन की प्राथमिकता बना ली है। जिस कारण वो निरंतर उत्साहित रहती है। गृहणी प्रियंका कपूर ने बताया कि कोरोना से उन्होंने अपनी मां को खो दिया था। जिस कारण वे डिप्रेशन का शिकार हो गई थी तब ही ब्रह्माकुमारी से उन्होंने राजयोग मेडिटेशन सीख कर अपना जीवन बेहद सुखद बना लिया। कार्यक्रम के अंत में बीके जयदेवी के द्वारा बेहद सुकून देने वाला मेडिटेशन कराया गया।