राज्यपाल ने विश्व क्षयरोग दिवस पर राजभवन में राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम की विभिन्न योजनाओं का शुभारम्भ किया
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज विश्व क्षयरोग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राजभवन के गांधी सभागार में विभिन्न परियोजनाओं का डिजिटल शुभारम्भ किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने आज प्रदेश स्तर पर 84 हजार से अधिक क्षय रोगियों को पोषण व चिकित्सा सहायता प्रदान करवाने के लिए गोद लेने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कोई भी दिवस मनाने के लिए धरातल स्तर पर कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा क्षयरोग विश्व स्तर पर व्याप्त संक्रामक रोग है और प्रदेश में प्रतिवर्ष इसके लगभग 5 लाख रोगी चिन्हित होते हैं। इतने बड़े स्तर पर स्वास्थ्यगत बदलाव लाने के लिए जनभागीदारी जरूरी है। उन्होंने बताया एक टी.बी. ग्रस्त बच्चा जब उचित पोषण और चिकित्सा प्राप्त करता है तो मात्र छः माह में स्वस्थ हो जाता है। यदि बड़े स्तर पर संस्थाएं, समर्थ नागरिक, अधिकारी आगे आकर इस कार्य से जुड़ जाएं तो प्रदेश बहुत कम समय में ही टी.बी. मुक्त हो जायेगा।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में शिक्षण संस्थाओं को भी सामाजिक दायित्वों से जुड़ने की अपील की और कहा वे अपने स्कूल, कालेज में पढ़ने वाले क्षयरोग ग्रस्त बच्चों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी लें। इसी क्रम में उन्होंने सभी विभागों से इस रोग के उन्मूलन के लिए मिलजुल कर आपसी सामंजस्य से कार्य करने को कहा। राज्यपाल ने टी.बी. रोगियों को सरकार द्वारा उचित पोषण के लिए दी जाने वाली राशि 500रू का समुचित उपयोग रोगी के हित में करने को कहा। समारोह में राज्यपाल ने 04 क्षयरोग ग्रस्त बच्चों को मेडिकल किट, 25 बच्चों को पोषण सामग्री की टोकरी प्रदान की। उन्होंने क्षय रोगियों को गोद लेने में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 10 संस्थाओं व प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह में सम्बोधित करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया कि क्षय रोगियों को गोद लेने की राज्यपाल की पहल देश की एक अनूठी पहल जानी जा रही है। उन्होंने कहा जब भी किसी क्षयरोग ग्रस्त बच्चे या व्यक्ति को गोद लेते हैं तो उसे भावनात्मक रूप से सहयोग करें, उससे बात करे और दवा की जानकारी आदि लें, इससे सामाजिक अपनत्व का प्रसार होता है और रोगी को मानसिक संबल भी प्राप्त होता है। उन्होंने क्षय रोगियों के पोषण की उचित व्यवस्था के लिए उन्हें प्रदेश में चल रही विविध लाभकारी पोषण योजनाओं में से किसी एक योजना से सम्बद्ध करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में क्षय रोगियों को गोद लेने के कार्यक्रम में शीर्ष 5 जनपदों में सर्वप्रथम जिलाधिकारी गाजियाबाद, तदोपरांत क्रमशः लखनऊ, प्रयागराज, बुलंदशहर व गोरखपुर ने स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि भारत में अब भी लगभग 28 लाख लोग प्रतिवर्ष क्षय रोग से ग्रसित होते हैं जिसमें 20 प्रतिशत उ0प्र0 में है। क्षय रोग से निपटने के लिए आधुनिकतम विधियों के द्वारा प्रदेश के प्रत्येक क्षय रोगी को निःशुल्क और गुणवत्तायुक्त जांच और उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश क्षय रोग उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य को वर्ष 2025 तक प्राप्त करने के लिए निरन्तर अग्रसर है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य हमारी प्रतिबद्धता, दृढ़संकल्प व सामाजिक सहभागिता के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। हम सब मिल कर माननीय प्रधानमंत्री के विजन टीबी मुक्त भारत को 2025 तक प्राप्त करने में सक्षम होंगे। समारोह का समापन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक अपर्णा उपाध्याय के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। समारोह में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार सहित बड़ी संख्या में चिकित्सा विभाग के अधिकारी, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व बच्चे भी उपस्थित थे। समारोह में सभी 75 जनपदों के जिलाधिकारी व क्षयरोग नियंत्रण अधिकारियों ने ऑनलाइन प्रतिभागिता की।