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डाॅ. राममनोहर लोहिया की जयंती पर आयोजित संगोष्ठी

अयोध्या । डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास तथा ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग के संयुक्त संयोजन में डाॅ. राममनोहर लोहिया जी की 112 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य पर सीमान्त समूह एवं आर्थिक समाजवाद में डाॅ लोहिया के विचारों की वर्तमान प्रासंगिकता विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन गुरूवार को किया गया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एन.एम.पी. वर्मा ने बताया कि अकबरपुर में जन्मे डाॅ. लोहिया मूलरूप से व्यावहारिक अर्थशास्त्र के एक महान दार्शनिक थे जिन्होंने देश में आर्थिक समाजवाद लाने के लिये महिलाओं के आर्थिक उत्थान के साथ समाज के मजदूर वर्ग के जीवन स्तर में सुधार के साथ आय के वितरण की समानता का पुरजोर समर्थन किया। डाॅ. लोहिया जी का आर्थिक समाजवाद आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने बताया कि हमे डाॅ. लोहिया के विभिन्न आर्थिक विचारो पर व्यापक शोध करते हुए उन्हें अपने जीवन में अनुपालित करना हैं जिससे हम समतामूलक समाज की स्थापना करने में सफल हो सकें। कार्यक्रम के तृतीय तकनीकी सत्र में पीबीपीजी कालेज प्रतापगढ़ की विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग की श्रीमती रश्मि सिंह ने तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए 12 शोध छात्रों द्वारा प्रस्तुत शोध पत्रों का तुलनात्मक अवलोकन करते हुए बताया कि आज डाॅ. लोहिया जी के मानवीय मूल्य का आर्थिक विचार समाज के विपन्न वर्ग के लिये अति महत्वपूर्ण हैं। सत्र की को-चेयर विभाग की डाॅ0 प्रिया कुमारी ने शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले छात्र-छात्राओं को डाॅ0 लोहिया जी के विशिष्ट आर्थिक दर्शन चैखम्भा राज्य पर अपना तथ्यपरक विवेचन प्रस्तुत करते हुए छात्र-छात्राओं को उत्कृष्ट शोध-पत्र प्रस्तुत करने के गुर सिखाये। संगोष्ठी में अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि डाॅ0 लोहिया विषयक संगोष्ठी में विभिन्न उपशीर्षको पर कुल 27 शोध छात्र-छात्राओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। इन शोध पत्रो को परिष्कृत करते हुए आर्थिक शोध पत्रिका में प्रकाशित कराया जायेगा।कार्यक्रम का संचालन ललित कला (फाईन आर्ट्स) विभाग की सहायक आचार्य डाॅ. सरिता द्विवेदी ने किया।  दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान प्रो. मृदुला मिश्रा, कविता पाठक, श्रीमती रीमा सिंह, श्रीमती सरिता सिंह, आशीष प्रजापति, श्रीमती रश्मी सिंह, विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र पीबीपीजी कालेज, प्रतापगढ़, सुनील कुमार त्रिपाठी, राजा प्रताप पीजी कालेज सुल्तानपुर, सुशील कुमार त्रिपाठी, बीबीडीपीजी कालेज परऊया आश्रम अम्बेडकरनगर, श्रीमती दरकक्षा, विभागाध्यक्ष जेएनएम पीजी कालेज बाराबंकी के साथ गैर शैक्षणिक कर्मचारी विजय कुमार शुक्ला, शिव शंकर यादव सहित बड़ी संख्या में शोध छात्र उपस्थित रहे।

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