किसानों का आय बढाने में कृषक उत्पादन संगठन की है सक्रिय भूमिका- जिलाधिकारी
बस्ती। कृषक उत्पादन संगठन (एफ.पी.ओ.) किसानों का आय बढाने में सक्रिय भूमिका निभा सकते है। इसके गठन का उद्देश्य किसान को लघु, सीमान्त एवं बड़े उद्योगपति के रूप में स्थापित करना है। उक्त विचार जिलाधिकारी श्रीमती सौम्या अग्रवाल ने व्यक्त किया। वे कलेक्टेªट सभागार में जनपद के एफ.पी.ओ. के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रही थी। उन्होने कहा कि एफ.पी.ओ. केवल फार्म मशीनरी बैंक बनाने तक सीमित न रहें। वे आगे बढकर अपने उत्पादों का निर्यात करें, फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करें तथा किसानों की आय में वृद्धि करें।उन्होने कहा कि सभी एफ.पी.ओ. को सक्रिय होकर कार्य करना होगा। जिले में लगभग 100 एफ.पी.ओ. गठित है परन्तु मात्र दो या चार एफ.पी.ओ. की गतिविधिया ही दिखायी पडती है। उन्होने कहा कि प्रत्येक माह सभी एफ.पी.ओ. की बैठक बुलाकर उनके कार्यो की समीक्षा की जायेंगी। उनकी समस्याओं को दूर किया जायेंगा। उन्होने अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए विभिन्न विभागों की योजनाओं का लाभ एफ.पी.ओ. को दिलाने के लिए उप निदेशक कृषि को निर्देशिता किया। मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेश कुमार प्रजापति ने कहा कि जिले के तीन ब्लाक हर्रैया, दुबौलिया एवं परसरामपुर में जहॉ कोई एफ.पी.ओ. नही है, शीघ्र ही गठन कराया जायेंगा। संयुक्त निदेशक कृषि अविनाश चन्द्र तिवारी ने कहा कि उ0प्र0 कृषि निर्यात नीति के तहत काला नमक धान के निर्यात पर 10 लाख रूपये से 36 लाख रूपये तक अनुदान दिया जाता है। इसी प्रकार कृषि यंत्रों के परिवहन पर भी अनुदान दिया जाता है। उन्होने कृषि प्रबन्धन संस्थान रहमानखेड़ा से एफ.पी.ओ. को प्रशिक्षण दिलाने का आश्वासन दिया। उप निदेशक कृषि अनिल कुमार ने बताया कि प्रत्येक एफ.पी.ओ. के साथ एक तकनीकी सहायक संबद्ध किया गया है, जो उनके सम्पर्क में रहकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करेंगा। उन्होने कहा कि एफ.पी.ओ अपने संगठन में 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति के किसानांे को अवश्य शामिल करें। अच्छा कार्य करने वाले एफ.पी.ओ. को राज्य सरकार द्वारा 01 लाख रूपये का पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है। उन्होने बताया कि जिले का चयन परम्परागत जैविक खेती के लिए किया गया है। इसके अन्तर्गत 50-50 किसानों का 20 कलस्टर बनाये जायेंगे। प्रति एकड 37 हजार रूपये अनुदान दिया जायेंगा। एफ.पी.ओ. के डायरेक्टर राममूर्ति मिश्रा ने बताया कि उनके किसानों द्वारा काला नमक, सिरका, जौव का आटा, चना, मक्का का पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं बिक्री किया जाता है। उन्होने बताया कि मार्केट में इन वस्तुओं की अधिक डिमांड है। अन्य एफ.पी.ओ. भी इन सामानों की बिक्री कर सकते है। बैठक में लीड बैंक मैनेजर अविनाश चन्द्रा, नाबार्ड के मनीष कुमार, उपायुक्त उद्योग उदय प्रकाश पासवान, कृषि वैज्ञानिक डा. आर.बी. सिंह, डी.ए.ओ. मनीष कुमार सिंह, भूमि संरक्षण अधिकारी सुधाकर कुमार चक्रवर्ती, ए.डी. रेशम नीलेश सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य संदीप कुमार वर्मा, एफ.पी.ओ. के प्रतिनिधि रमाकान्त, ओमकार मिश्र, अमरेन्द्र कुमार चौधरी, ग्रीशचन्द, अजय कुमार चौधरी, राकेश चौधरी, एस.पी. सिंह उपस्थित रहे।