अब एचडीऍफ़सी और एचडीऐफसी बैंक के मर्जर का रास्ता साफ, दोनों के स्टॉक में आई उड़ान एफसी
एचडीएफसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है, जबकि एचडीऐफसी बैंक भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है. इन दोनों के विलय को बोर्ड की मंजूरी मिल चुकी है. विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी लिमिटेड की 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी और सबसे बड़े प्राइवेट एचडीऍफ़सी के विलय का रास्ता साफ हो चुका है. एचडीऍफ़सी और एचडीएफसी बैंक दोनों के बोर्ड ने सोमवार को अलग-अलग हुई बैठक में इसकी मंजूरी दे दी. यह खबर सामने आते ही दोनों के स्टॉक ने जबरदस्त छलांग लगा दी.
खबर मिलते ही रॉकेट बने दोनों स्टॉक
दोनों कंपनियों ने बोर्ड की बैठक के बाद शेयर बाजारों को इसकी जानकारी दी. इस बारे में आज दोपहर 11:30 बजे अहम प्रेस कांफ्रेंस होने जा रहा है. प्रेस कांफ्रेंस में मर्जर के आधिकारिक ऐलान के साथ ही विस्तार से अन्य जानकारियां दी जा सकती हैं. दूसरी ओर यह खबर सामने आते ही दोनों कंपनियों के स्टॉक रॉकेट बन गए. सुबह के 10 बजे बीएसई पर एचडीऍफ़सी का स्टॉक 13.60 फीसदी चढ़ा हुआ था. इसी तरह एचडीऍफ़सी बैंक का स्टॉक भी करीब 10 फीसदी की तेजी में था
मर्जर के बाद ऐसा हो जाएगा होल्डिंग पैटर्न
कंपनियों ने बताया, ‘रिकॉर्ड डेट के हिसाब से एचडीऐफसी Limited के शेयरहोल्डर्स को 2 रुपये फेस वैल्यू वाले 25 शेयरों के बदले एचडीऐफसी के 42 शेयर मिलेंगे,जिनकी फेस वैल्यू 1 रुपये होगी. मर्जर हो जाने के बाद फीसदी एचडीऐफसी पब्लिक शेयरहोल्डिंग वाली कंपनी बन जाएगी. मर्जर के बाद एचडीऐफसी बैंक में एचडीऐफसी लिमिटेड के पास 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी.’
दोनों कंपनियों ने कहा कि कम्बाइंड एंटिटि दोनों की ताकतें एक साथ लाएंगी. मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक के कस्टमर मोर्टगेज को भी कोर प्रॉडक्ट की तरह यूज कर सकेंगे. दोनों कंपनियों के बोर्ड का मानना है कि इस डील से कस्टमर्स, एम्पलॉइज और शेयरहोल्डर्स समेत सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए लॉन्ग टर्म वैल्यू का क्रिएशन होगा. इस मर्जर से सरकार के ‘हाउसिंग फोर ऑल’ के विजन को भी ताकत मिलेगी.