टेनिस एल्बो के दर्द को दूर कर सकते हैं ये एसेंशियल ऑयल्स, ऐसे करें इस्तेमाल
टेनिस एल्बो एक दर्दनाक समस्या है, जो कोहनी के पास ऊपरी बांह की तरफ चोट लगने के कारण उत्पन्न होती है। इसे चिकित्सक भाषा में टेनिस एल्बो कहा जाता है। अमूमन इस समस्या से बैडमिंटन, गोल्फ और क्रिकेट आदि खेल खेलने वालों को दो-चार होना पड़ता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल्स के बारे में बताते हैं, जो प्राकृतिक रूप से टेनिस एल्बो के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल
पेपरमिंट ऑयल यानी पुदीने के तेल का इस्तेमाल करने से टेनिस एल्बो के दर्द से राहत मिल सकती है। पुदीने के तेल में दर्द निवारक गुण मौजूद होते हैं, जो इस दर्द को दूर करते हैं। राहत के लिए पुदीने के तेल की कुछ बूंदें दर्द से प्रभावित कोहनी पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें। इसके अलावा, आप चाहें तो पानी में पुदीने के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर नहा भी सकते हैं। इससे भी आपको आराम मिलेगा।
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल
लैवेंडर के तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण टेनिस एल्बो की मांसपेशी को आराम देकर दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं। राहत के लिए एक टब को आधा हल्के गर्म पानी से भरें और उसमें थोड़ा सेंधा नमक और लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं। अब इस मिश्रण से प्रभावित कोहनी की सिकाई करें, फिर कोहनी को सूखे तौलिए से पोंछकर सुखा लें। बेहतर परिणाम के लिए दिन में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।
रोजमेरी एसेंशियल ऑयल
अगर कभी भी किसी कारणवश आपके टेनिस एल्बो की समस्या हो तो इससे राहत पाने के लिए आप रोजमेरी ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। रोजमेरी ऑयल से दर्द वाली कोहनी की मालिश करने से प्रभावित हिस्से का रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे कोहनी को दर्द से राहत मिल सकती है। दरअसल, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड समेत कई तरह के पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जिनका कोहनी की मांसपेशी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नीलगिरी एसेंशियल ऑयल
नीलगिरी एसेंशियल ऑयल में एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाए जाते हैं। ये प्रभाव टेनिस एल्बो के दर्द से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकते हैं। राहत के लिए पहले इस तेल की कुछ बूंदों के साथ एक चम्मच जोजोबा ऑयल या फिर ऑर्गेन ऑयल मिलाएं। अब मिश्रण को उंगलियों की मदद से प्रभावित कोहनी पर कुछ मिनट तक हल्के हाथों से मलें। ऐसा दिन में दो से तीन बार करें।