होमगार्ड कर्मचारियों को रिश्वत लेना पड़ा महंगा, थाना प्रभारी को लगी कड़ी फटकार
लखनऊ । सरोजिनी नगर थाना क्षेत्र में ट्रक चालकों से अवैध वसूली करना होमगार्डों को भारी पड़ गया रिश्वतखोर आंखों को सादी वर्दी में खड़े साहब नजर नहीं आए और जैसे ही पैसा लेने के लिए आगे कदम बढ़ाया अधिकारियों ने रंगे हाथों दबोच लिया।इन लोगों को समझ नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है खाकी का हाथ किसने पकड़ लिया रौब दिखाते इसके पहले ही सरकारी गाड़ी मे बैठा दिया। तभी समझ गए कि आज लेने के देने पड़ गए। तत्काल थाना प्रभारी को निर्देश दिया गया कि उनके खिलाफ कार्रवाई करें। सूत्रों के मुताबिक ज्वाइंट कमिश्नर पीयूष मोडिया एमएलसी चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग निपटाने की दृष्टि से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने निकले थे।जैसे ही सरोजिनी नगर क्षेत्र के पुरानी चुंगी चौराहा पर पहुंचे भारी वाहनों का जाम लगा हुआ था।थोड़ा सा जाम छूटा तो आगे देखा कि सचेंद्र कुमार और कृष्ण पाल होमगार्ड अवैध वसूली में व्यस्त थे।ज्वाइंट कमिश्नर ने गाड़ी को किनारे लगवाया और जैसे ही होमगार्ड पैसा लेने के लिए आगे बढ़े रिश्वत समेत रंगे हाथों दबोच लिया। इससे पहले कुछ समझ पाते कि दोनों कर्मचारियों को सरकारी गाड़ी में बैठा लिया गया।और मौके पर थाना प्रभारी को बुलाकर कड़ी फटकार लगाते हुए होम गार्डों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। कोतवाली से चंद कदमों की दूरी पर, अवैध वसूली अफसरों को भनक तक नहींकानून के जानकार बताते हैं कि ज्वाइंट कमिश्नर साहब ने अवैध वसूली में शामिल दो होमगार्डों पर तो कारवाई कर दी।लेकिन सवाल उठता है कि कोतवाली के चंद कदमों की दूरी पर वसूली का यह खेल रोज चलता है और काफी दिनों से चल रहा होगा तो क्या थाना प्रभारी से लगाकर एसीपी तक को मामले की जानकारी नहीं।अगर है तो अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई थी मतलब साफ है कि जानकारी सबको है किसके संरक्षण में वसूली होती है यह भी पुलिस के अधिकारी भली-भांति समझते हैं।लेकिन हमेशा की तरह छोटे कर्मचारियों पर ही गाज गिराई जाती है। बनी मोड स्कूटर इंडिया चौराहा कमलापुर तिराहा शहीद पथ मोड़ वसूली का केंद्र सूत्र बताते हैं कि वसूली का यह खेल एक जगह का नहीं है।बंथरा थाना क्षेत्र के बनी मोड़ सरोजिनी नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले स्कूटर इंडिया चौराहा बिजनौर थाना क्षेत्र में आने वाला कमलापुर तिरहा ये वसूली का अहम केंद्र माने जाते हैं।पिछले कुछ समय पहले अवैध वसूली के मामले में बनी मोड़ से पुलिस कर्मियों को अधिकारियों ने रंगे हाथों दबोच था। लेकिन यह सिलसिला रुका नहीं बदस्तूर अभी जारी है l वहीं प्रकरण को लेकर जब उच्च अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया फोन नहीं उठा l