रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है। वहीं, इससे शरीर के जोड़ वाले हिस्सों में सूजन और तेज दर्द शुरू हो जाता है, इसलिए समय रहते इस बीमारी का उपचार जरूरी है। आइए आज आपको कुछ ऐसी चाय की रेसिपी बताते हैं, जिनका सेवन रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिमों को कम करने में काफी मदद कर सकता है।
रोजहिप टी
अगर आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है तो आपके लिए अपनी डाइट में रोजहिप टी यानी गुलाब के डंठल की चाय को शामिल करना लाभदायक हो सकता है। इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में एक से दो कप पानी उबालें, फिर इसमें गुलाब के डंठल डालकर 5-10 मिनट तक पानी को उबालें। समय पूरा होने के बाद गैस बंद करके चाय को कप में छान लें। अब इसमें शहद मिलाकर इसका सेवन करें।
नेटल टी
रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम कम करने में नेटल टी भी काफी मदद कर सकती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में दो कप पानी उबालें, फिर उसमें दो चम्मच नेटल की पत्तियों से बना पाउडर या तीन-चार पत्तियां डालें। अब दो-तीन मिनट बाद इस स्वास्थ्यवर्धक हर्बल टी का सेवन करें। आप चाहें तो इसमें स्वादानुसार शहद मिला सकते हैं। नोट: नेटल टी का सेवन दिन में केवल एक-दो बार ही करें, इससे ज्यादा नहीं।
ग्रीन टी
ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ कई ऐसे पोषक तत्वों से समृद्ध होती है, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिम कम करने में सहायक हैं। इस चाय को बनाने के लिए गैस ऑन करके उस पर एक पैन रखकर उसमें पानी को गर्म करें, फिर पानी को एक कप में डालकर उसमें ग्रीन टी बैग को डालें। एक-दो मिनट बाद इस स्वास्थ्यवर्धक हर्बल टी का सेवन करें। आप चाहें तो इसमें स्वादानुसार शहद मिला सकते हैं।
ओलोंग टी
ओलोंग टी भी एंटी-ऑक्सीडेंट गुण से युक्त होती है, इसलिए इसका सेवन भी रूमेटाइड अर्थराइटिस के प्रभाव को कम करने में कारगर हो सकता है। इस चाय को बनाने के लिए गैस ऑन करके उस पर एक पैन रखकर उसमें पानी को गर्म करें, फिर पानी को एक कप में डालकर उसमें ओलोंग टी बैग को डालें। दो-तीन मिनट बाद इस चाय का सेवन करें। आप चाहें तो इसमें स्वादानुसार शहद या फिर मेपल सिरप मिला सकते हैं।