भारत स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध, पीएम मोदी ने आर्थिक जुड़ाव पर भी दिया जोर

भारत ने सोमवार को एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत ने निरंतर विकास, शांति और समृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भागीदारों के बीच आर्थिक जुड़ाव को गहरा करने पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडो-पैसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क के लिए समर्पित कार्यक्रम में शिरकत की।
पीएम मोदी ने कहा कि आईपीईएफ की घोषणा हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बनाने की सामूहिक इच्छाशक्ति की परिणति है। प्रधानमंत्री मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझा और रचनात्मक समाधान खोजने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत ऐतिहासिक रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार प्रवाह के केंद्र में रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात के लोथल में दुनिया का सबसे पुराना वाणिज्यिक बंदरगाह है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडो-पैसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क के लिए क्षेत्र के सभी देशों के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की नींव 3T यानी विश्वास, पारदर्शिता और समयबद्धता) के सूत्र पर टिकी होनी चाहिए।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध है और वह मानता है कि निरंतर विकास, शांति और समृद्धि के लिए भागीदारों के बीच आर्थिक जुड़ाव को गहरा करना महत्वपूर्ण है। भारत इंडो-पैसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क के तहत भागीदार देशों के साथ सहयोग करने और क्षेत्रीय आर्थिक संपर्क को आगे बढ़ाने, एकीकरण और क्षेत्र के भीतर व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करने का इच्छुक है।