साहित्य

वन तापमान को सामान्य बनाने में सहायक एवं भूमि को बंजर होने से रोकने में महती भूमिका निभातें

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन डा. अरूण कुमार सक्सेना ने भजनानंद आदर्श गौशाला में विकसित नक्षत्र वाटिका, अमन इण्टरनेशनल स्कूल में वृक्ष रोपित करते हुये कहा कि वृक्षों के आसपास रहने से जीवन में मानसिक संतुष्टि मिलती है, वनों से हमे औषधीय जड़ी बूटियां, गोंद, घास तथा जानवरों का चारा भी प्राप्त होता है, वन तापमान को सामान्य बनाने में सहायक एवं भूमि को बंजर होने से रोकने में महती भूमिका निभातें है, वृक्ष दूषित वायु को ग्रहण करके हमें शुद्ध एवं जीवनदायक वायु प्रदान करते है, हवा और पानी जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक वृक्ष हैं इसलिए वनों की सुरक्षा के साथ अधिक से अधिक वृक्ष रोपित करने होंगे, हमारी  सभ्यता वनों की गोद मे ही विकसित हुई है।
श्री सक्सेना ने कहा कि देश की समृद्धि में वृक्षों का महत्वपूर्ण योगदान है, इसलिए राष्ट्र के हर नागरिक को स्वयं और राष्ट्र के हित के लिए वृक्षारोपण करना बहुत आवश्यक है। उन्होने कहा कि वृक्ष हमारे लिए काफी लाभदायक हैं, वातावरण में फैली कार्बन डाइ-ऑक्साइड को वृक्ष जीवनदायिनी ऑक्सीजन में बदल कर हमें पूरी जिन्दगी ऑक्सीजन प्रदान करने का काम करते हैं, वृक्षों की पत्तियों, छालों एवं जड़ों से हमें विभिन्न प्रकार की औषधियां मिलती है, वृक्षों से रसदार एवं स्वादिष्ट फल प्राप्त होते हैं साथ ही वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं इनके छाया में पशु-पक्षी ही नहीं बल्कि मनुष्य को  भी चैन की सांस मिलती है, जहां वृक्ष पर्याप्त मात्रा में होते है, वहां वर्षा भी अधिक होती है, वृक्षों से पर्यावरण की खूबसूरती में निखार आता है। उन्होने कहा कि वन महोत्सव के अन्तर्गत जनपद में जितने भी पौधे रोपित किये गये हैं, वह विकसित भी हों, सुनिश्चित किया जायेगा यदि गर्मी के कारण कुछ स्थानों पर रोपित किये गये पौधे खराब हो गये हों तो उन्हें वन विभाग के अधिकारी तत्काल बदलवाना सुनिश्चित करें, रोपित किये गये पौधों में से कम से कम 95 प्रतिशत से अधिक पौधे विकसित होकर जन-सामान्य को प्राणदायी ऑक्सीजन प्रदान करने का कार्य करेंगे।
विधायक भोगांव, पूर्व मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री ने वृक्ष रोपित करते हुये कहा कि हमारे देश में कई वृक्षों को पूजा भी जाता है, नीम ,पीपल ,आंवला, बरगद आदि वृक्षों में ईश्वर का निवास स्थान माना जाता है, जिन वृक्ष की हम पूजा करते है उनमें औषधीय गुणों का भंडार भी होता हैं जो हमारी सेहत को बनाये रखने में मददगार होते है। उन्होने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण के कारण पूरे भू-मंडल की स्थिति चितांजनक हो गयी है, जाडे में अधिक जाड़ा, गर्मी में अधिक गर्मी, बरसात में अधिक बरसात इसी का परिणाम है वायु प्रदूषण से आस्थमा, केंसर जैसी गम्भीर बीमारियों फैल रहीं है, परिस्थिति संतुलन के लिए वृक्षारोपण ही महत्वपूर्ण है, हमें वृक्षारोपण को जन आन्दोलन के रूप में अपनाना होगा।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष प्रदीप चौहान, मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार, अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी एस.एन.मौर्य, उप जिलाधिकारी सदर नवोदिता शर्मा, ब्लॉक प्रमुख जागीर, घिरोर, मनेष चौहान, सत्यपाल यादव, सौरभ उपाध्याय, सुभाष मिश्रा, ज्ञाप्रसाद दुबे, आशीष पाण्डेय, रोहित कुमार, रणवीर सिंह, धर्मेन्द, वीरेन्द्र आदि उपस्थित रहे।

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