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राष्ट्रपति मुर्मू ने बताया गीता का सार, कहा- कायरता छोड़, वीरता को अपनाने का संदेश देती है गीता

राष्ट्रपति ने कहा कि लोकमान्य तिलक विवेकानंद और महात्मा गांधी गीता के आदर्शों से आगे बढ़े। श्रीमद्भगवद् गीता प्रोत्साहन और जीवन-निर्माण का ग्रन्थ है। कुरुक्षेत्र से हरियाणा यात्रा की शुरुआत करने को सौभाग्य बताया।  हरियाणा में कुरुक्षेत्र की धरती से मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गीता का सार समझाया है। उन्होने महापुरुषों का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे गीता के ज्ञान को आत्मसात करने के बाद जीवन बदल जाता है। राष्ट्रपति ने कहा कि लोकमान्य तिलक से लेकर विवेकानंद तक गीता के आदर्शों पर चलकर महान बने हैं। महात्मा गांधी जब व्यथित होते थे तब उन्हें गीता से प्रेरणा मिलती थी। गीता कायरता छोड़ने और वीरता अपनाने का संदेश देती है। श्रीमद्भगवद् गीता विपरीत परिस्थितियों में प्रोत्साहन का ग्रंथ है और निराशा में आशा का संचार करती है। यह जीवन-निर्माण का ग्रन्थ है। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि हरियाणा की पहली यात्रा मुझे इस धरती से करने को मिली। जो लोग कुरुक्षेत्र में रहते हैं वे सचमुच स्वर्ग में वास करते हैं। इसी क्षेत्र में सरस्वती नदी के तट पर वेद-पुराण लिपिबद्ध हुए हैं। यह बड़े हर्ष का विषय है कि हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने वर्ष 2016 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता जयंती महोत्सव को मनाने का निर्णय लिया। कई देशों के राजदूत इसमें शामिल हो रहे हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से अन्य प्रदेशों के लोग भी इस समारोह में आ रहे हैं। इस वर्ष महोत्सव में सहयोगी देश नेपाल और सहयोगी राज्य मध्य प्रदेश हैं। उन्हें बड़ी खुशी है कि देश ही नहीं विदेश से भी लोग इस भव्य आयोजन में आए हैं। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, नेपाल के राजदूत डा. शंकर प्रसाद शर्मा और स्वामी ज्ञानानंद सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

हरियाणा के जवानों, किसानों व बेटियों ने अपनाया गीता का संदेश
राष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा के लिए गौरव की बात है कि यहां के जवानों, किसानों व बेटियों ने अपने जीवन में गीता के कर्म करने के संदेश को अपनाया है। जवानों ने देश की सेना में, किसानों ने अन्न पैदा करके और महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों मे्ं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तिरंगा फहराकर हरियाणा का गौरव बढ़ाया है। हमें इन सभी पर गर्व है।

महात्मा गांधी गीता को मां मानते थे
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीमद्भगवद् गीता हमें कर्म करने और आलस्य त्यागने का संदेश देती है। महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वे श्रीमद्भगवद् गीता को मां मानते थे। उनका कहना था कि जन्म देने वाली मां तो नहीं रही, लेकिन संकट के समय गीता मां जरूर उनका मार्गदर्शन करती है।

राष्ट्रपति ने की तीन बड़ी परियोजनाओं की शुुरुआत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान हरियाणा के लिए तीन बड़ी परियोजनाओं का शुभारंभ भी किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सभागार में राष्ट्रपति ने अंत्योदय परिवारों के लिए निरोगी हरियाणा योजना का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने ई-टिकटिंग की शुुरुआत की और बटन दबाकर सिरसा मेडिकल कालेज का शिलान्यास किया।

अंत्योदय परिवारों की अस्पतालों में होगी मुफ्त जांच
निरोगी योजना के तहत अंत्योदय परिवारों की व्यापक स्वास्थ्य जांच मुफ्त की जाएगी। पहले चरण में 1 लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले परिवारों को लाभार्थियों के रूप में शामिल किया गया है। जबकि शेष आबादी को बाद के चरणों में कवर किया जाएगा।

ई-टिकटिंग शुरू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य
हरियाणा के लिए ई-टिकटिंग प्रणाली की शुरुआत करने के साथ ही राष्ट्रपति को पहली टिकट के रूप में नेशनल ई-मोबिलिटी कार्ड की प्रतिकृति भेंट की गई। यह कार्ड मेट्रो, ई टिकटिंग प्रणाली की किसी भी राज्य की बस, आनलाइन पार्किंग सभी जगह मान्य होगा। सौ रुपये देकर यह कार्ड बनवाया जा सकेगा। इस योजना के शुरू होने क साथ ही हरियाणा ओपन लूप टिकटिंग प्रणाली लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्रारंभिक चरण में 6 डिपो चंडीगढ़, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी और सिरसा में ई- टिकटिंग प्रणाली लागू होगी। शेष 18 डिपो में जनवरी 2023 के अंत तक इस परियोजना को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।

सिरसा को मिली मेडिकल कॉलेज की सौगात
राष्ट्रपति ने सिरसा में 21 एकड़ भूमि पर बनने वाले मेडिकल कालेज का शिलान्यास किया। इस पर लगभग 1090 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस महाविद्यालय में 100 एमबीबीएस छात्रों का वार्षिक प्रवेश होगा और अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त 539 बिस्तरों का अस्पताल होगा।

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