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कोहरे ने रोकी 35 ट्रेनों की चाल, 3000 से भी अधिक टिकट किये गए निरस्त

कोहरे की वजह से दृश्यता कम होने का असर परिवहन सेवा पर जारी है। कानपुर सेंट्रल स्टेशन से आने और जाने वाली करीब 35 ट्रेनें 10 घंटे तक की देरी से मंगलवार को आईं और गईं। 22 बसें भी झकरकटी बस अड्डे पर सुबह देरी से पहुंचीं। दिल्ली से आने वाली कई प्रीमियम ट्रेनें भी अपने निर्धारित से साढ़े छह घंटे की देरी से सेंट्रल पहुंचीं। सुबह छह बजे आने वाली श्रमशक्ति एक्सप्रेस साढ़े छह घंटे की देरी से दोपहर 12 बजे कानपुर पहुंची। इसी तरह स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस सवा दो घंटे की देरी से दोपहर डेढ़ बजे कानपुर सेंट्रल पहुंची और नई दिल्ली से आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस तीन घंटे की देरी से दोपहर 1:05 बजे सेंट्रल आई। तीन हजार से अधिक यात्रियों ने यात्री निरस्त कर टिकट का रिफंड लिया।कोहरे की वजह से सुबह सुबह छह बजे से नौ बजे तक आने वाली 22 बसें तीन से चार घंटे की देरी से आईं। सुबह यात्री कम होने से बुंदेलखंड, दिल्ली और आगरा जाने वाली 16 बसों के फेरों को कम कर दिया गया। गोरखपुर, देवरिया, वाराणसी, प्रयागराज, फतेहपुर, लखनऊ, बांदा, चित्रकूट, रायबरेली, जौनपुर, झांसी, हमीरपुर, आगरा से आने वाली 22 बसें सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक पहुंचीं। इन बसों से वापसी करने वाले यात्रियों को तीन से चार घंटे तक सेंट्रल स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा। झकरकटी बस अड्डा के प्रभारी कमल आर्या ने बताया कि कोहरे की वजह से बसें लेट हो रही हैं और यात्रियों ने भी अपनी यात्रा टाल दी। इसलिए सुबह के वक्त लोड कम रहा।

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