मुख्यमंत्री ने 05 विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री द्वारा लिखित ‘एग्जाम वाॅरियर्स’ पुस्तक तथा 08 मेधावी विद्यार्थियों को 01 लाख रु0 का चेक, टैबलेट तथा सम्मान पत्र प्रदान किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करना अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए बच्चों को बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए उन पर दबाव नहीं बनाना चाहिए। बच्चे अपने बौद्धिक एवं शारीरिक विकास तथा अपनी क्षमता के अनुरूप परिणाम देने में सक्षम हैं। इससे अतिरिक्त परिणाम देने के लिए उन पर दबाव बनाकर हम उनके साथ अन्याय करते हैं। अक्सर इससे बच्चे अवसाद में चले जाते हैं। अच्छा करने के लिए उनके मन में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव उत्पन्न करना आवश्यक है। दबाव बनाकर या शाॅर्टकट का रास्ता अपनाकर बच्चों को सफलता की ओर अग्रसर करने का प्रयास उनके लिए घातक हो सकता है। अभिभावकों को बच्चों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना के विकास के लिए कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री जी आज यहां कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय यू0पी0 सैनिक स्कूल में माध्यमिक तथा बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ‘बच्चों को ‘एग्जाम वाॅरियर्स’ पुस्तक के वितरण, 1698 मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान एवं टैबलेट वितरण’ कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत आधुनिक कण्ट्रोल रूम ‘विद्या समीक्षा केन्द्र’ का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में विद्या समीक्षा केन्द्र पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी के ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम का वर्चुअल माध्यम से प्रसारण किया गया, जिसे मुख्यमंत्री जी सहित सभी उपस्थित लोगांे ने सुना। मुख्यमंत्री जी ने 05 विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री जी द्वारा लिखित ‘एग्जाम वाॅरियर्स’ पुस्तक प्रदान की। उन्हांेने 08 मेधावी विद्यार्थियों को 01 लाख रुपये का चेक, टैबलेट तथा सम्मान पत्र प्रदान किया। शिक्षा विभाग द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टाॅलांे का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज यहां प्रदेश के मेधावी छात्रों का अलंकरण समारोह आयोजित किया गया है। ऐसे ही कार्यक्रम प्रदेश के सभी जनपदों में आयोजित किये जा रहे हैं। वर्ष 2021-22 में हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश तथा राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाेच्च स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को आज टैबलेट तथा आवश्यक धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। हम देश के पहले सैनिक स्कूल में इस कार्यक्रम के साक्षी बन रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने सर्वाेच्च स्थान प्राप्त करने वाले सभी मेधावी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह सैनिक स्कूल वर्ष 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ0 सम्पूर्णानन्द जी ने स्थापित किया था। इसकी अनेक विशेषताएं हैं। इस सैनिक स्कूल के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में सैनिक स्कूलों की श्रृंखला स्थापित हुई। यह देश का पहला सैनिक स्कूल है, जहां पर बालिकाओं का भी प्रवेश हुआ है। आज उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में 05 सैनिक स्कूल या तो संचालित हो रहे हैं या अगले वर्ष तक संचालित करने की कार्यवाही को आगे बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अक्सर बच्चे, अभिभावकों तथा विद्यालय के प्रबन्धकों के दबाव के कारण तनाव से मुक्त नहीं हो पाते। इन स्थितियों में बच्चे परीक्षाओं में हतोत्साहित हो जाते हैं। तनाव मुक्त वातावरण में परीक्षाओं की तैयारी करने तथा परीक्षा को एक सामान्य रूटीन वर्क के रूप में लेने के विषय पर आज प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान के लिए आयोजित कार्यक्रम में कुल 1698 छात्र-छात्राओं को आज सम्मानित किया जा रहा है। उन्हें धनराशि, टैबलेट तथा प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है। यह प्रसन्नता का विषय है कि 1698 छात्र-छात्राओं मंे 873 बालिकाएं तथा 825 बालक हैं। बालिकाओं के मन में रचनात्मकता और कुछ कर गुजरने की भावना विभिन्न बोर्डाें की परीक्षाओं में देखने को मिल रही है। डिग्री कोर्सेज में भी इस सम्बन्ध में अच्छी संख्या देखने को मिली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अक्सर बहुत सारे अभिभावक बालिकाओं के प्रति ध्यान नहीं देते हैं। प्रदेश सरकार ने उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने तथा बालिकाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए स्नातक तक की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था लागू की है। प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना लागू की गयी है। इसके अन्तर्गत बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए अलग-अलग चरणों में धनराशि उपलब्ध करायी जाती है। प्रदेश सरकार ने तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए 02 करोड़ विद्यार्थियों को टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण के बड़े कार्यक्रम की शुरुआत की है। अब तक 20 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को यह सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। यह देश मंे विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की सबसे बड़ी प्रक्रिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार के गठन के समय बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयांे की स्थिति बहुत खराब थी। एक जनपद के दौरे पर उन्होंने पाया कि जिला मुख्यालय के पास स्थित विद्यालय बन्द होने के कगार पर था। बहुत से बच्चे बिना यूनीफाॅर्म के स्कूल जाते थे। इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव तथा पठन-पाठन का माहौल न होने के कारण लोग उसके प्रति आकर्षित नहीं होते थे। उन्होंने अधिकारियों को लक्ष्य दिया कि सभी शिक्षक एवं शिक्षा मित्र एक-एक घर में जाकर लोगों की काउंसिलिंग करते हुए हर बालक-बालिका को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत पौने छः वर्षाें के दौरान प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कदम उठाएं हैं। केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को यूनीफाॅर्म, बैग, किताबें, जूते-मोजे तथा स्वेटर उपलब्ध कराया जा रहा है। वर्तमान में 01 करोड़ 91 लाख बच्चों को यह सुविधा डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश मंे जनसहभागिता से ‘आॅपरेशन कायाकल्प’ चलाया गया। कन्वर्जन के माध्यम से तथा शासन से धनराशि उपलब्ध कराकर इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया गया। आॅपरेशन कायाकल्प ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का वास्तविक कायाकल्प किया है। वर्ष 2017 में एक जिला मुख्यालय के पास स्थित जो विद्यालय बन्द होने के कगार पर था, आज वहां 350 से अधिक बच्चे हैं। हम ठान लें तो क्या नहीं हो सकता है। विगत 05 वर्षाें के दौरान, कोरोना महामारी के बावजूद परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लगभग 60 लाख बच्चे बढ़े हैं। यह प्रसन्नता का विषय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किये। इनमें निपुण भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत आज यहां विद्या समीक्षा केन्द्र का उद्घाटन हुआ है। यह सभी बहुत रचनात्मक तथा सकारात्मक हैं। उत्तर प्रदेश में स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए जो प्रयास हुए हैं, उसके सार्थक परिणाम दिखायी दे रहे हैं। हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षा में नकल पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है। परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता को बनाए रखने के कार्य किये गये हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने एग्जाम वाॅरियर्स पुस्तक लिखी है। यह पुस्तक तथा आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ के माध्यम से प्राप्त होने वाला प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन बोर्ड परीक्षा देने वाले सभी छात्र-छात्राआंे के साथ ही उन विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी है, जिन्हें भविष्य में कोई परीक्षा देनी है। बहुत से बच्चे दबाव में आकर गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने सभी छात्र-छात्राओं से अवसाद एवं तनाव से मुक्त होकर अपने को तैयार करने की अपील करते हुए अभिभावकों, प्रधानाचार्याें तथा शिक्षकों से परीक्षा के दौरान तनाव मुक्त माहौल सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी मेधावी विद्यार्थियों के मन मंे अच्छा करने तथा लीक से हटकर नया करने का भाव होना चाहिए।
माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री जी का संकल्प है कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश हमेशा अग्रणी रहे। मुख्यमंत्री जी के प्रभावी मार्गदर्शन में प्रदेश की परीक्षाओं में अनुसूचित साधनों के प्रयोग पर रोक लगायी गयी, जिसका परिणाम है कि राज्य में नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न हुई है।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में बेसिक शिक्षा विभाग में महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। आज सरकारी विद्यालयों के प्रति अभिभावकों का विश्वास बढ़ा है। विद्यालयों में बच्चों के नामांकन में वृद्धि हुई है। विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण, अध्यापकों की पर्याप्त उपलब्धता तथा शिक्षा में सुधार हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चयन से आज बेसिक शिक्षा विभाग नये आयाम को छू रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव माध्यमिक एवं बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, लखनऊ की मण्डलायुक्त श्रीमती रोशन जैकब, महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्री विजय किरन आनन्द, जिलाधिकारी लखनऊ श्री सूर्यपाल गंगवार, कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय यू0पी0 सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य कर्नल राजेश राघव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, विद्यार्थी, शिक्षकगण एवं अभिभावक उपस्थित थे।