मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा की, प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा की और प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रदेश की सभी तहसीलों में सप्ताह में चार दिन कोर्ट बिठाया जाए और राजस्व से जुड़े विवादों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि तहसील कर्मियों की कार्यपद्धति को समयबद्ध करते हुए सबकी जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तहसीलों में पैमाइश, उत्तराधिकार/वरासत, म्यूटेशन और कृषि भूमि का गैर-कृषि भूमि में परिवर्तन के मामलों को शीर्ष प्राथमिकता पर निस्तारित किया जाए। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को घरौनियों के वितरण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए। प्रदेश के गाँव में चकबंदी की प्रकिया के दौरान किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरा किया जाए। चकबंदी की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए। उन्होंने आवश्यकतानुसार चकबंदी विभाग के लेखपालों को राजस्व विभाग में समायोजित करने के भी निर्देश दिए, जिससे राजस्व से सम्बन्धित विवादों का शीघ्रता के साथ निस्तारण किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि प्रदेश में उपलब्ध भू-मानचित्रों में से 97.22 प्रतिशत डिजिटाइज किए जा चुके हैं। उन्होंने इस कार्य को हर हाल में इस वर्ष दिसम्बर तक शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि जीर्ण-शीर्ण भू-मानचित्रों का सर्वे कराकर भू-अभिलेखों का शुद्धिकरण एवं मानचित्रों की उपलब्धता का कार्य तय समय से पहले पूर्ण किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने रबी की फसलों का शत-प्रतिशत डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने के निर्देश दिए। उन्हांंने कहा कि प्रदेश में 66619.24 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। उन्होंने पिछले 10 साल से अधिक समय से सार्वजनिक भूमि पर अधिवास कर रहे गरीब, वंचित व दलित असहाय व्यक्तियों को भूमि का पट्टा प्रदान करने के निर्देश दिए। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अब तक 18,000 से अधिक गरीबों को पट्टा प्रदान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपालों के रिक्त पदों को पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के जरिये भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खतौनी एवं अन्य प्रमाण-पत्र में आधार सीडिंग की कार्यवाही को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए, जिससे भू-अभिलेखों में पारदर्शिता और किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रदेश में धारित सभी भूमियों का विवरण एक क्लिक में उपलब्ध हो सके। उन्होंने स्वामित्व से उपलब्ध जियो रिफरेन्स्ड घरौनी को फैमिली आई0डी0 से जोड़ने के निर्देश दिए। इससे भविष्य में निवास प्रमाण-पत्र जारी करने में सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था को शीघ्रता से सुनिश्चित कराया जाए।