मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर गोरखपुर

में प्रदेश के पर्यटन स्थलां पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पर्यटन हम सबके जीवन में एक नया परिवर्तन तथा नया माहौल देता है। यह जीवन जीने की एक नई विधा हम सबके सामने प्रस्तुत करता है। पर्यटन के माध्यम से प्रत्येक नागरिक के जीवन में उत्साह और उमंग की भावनाओं का संचार करने की दृष्टि से हम सबको आगे आने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी आज विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह, गोरखपुर में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के पर्यटन स्थलां पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन, ए टू जेड पुस्तिका का विमोचन, युवा पर्यटन क्लब के सदस्यों को किट का वितरण एवं प्रदेश के अग्रणी पर्यटन उद्यमियां का सम्मान किया।
मुख्यमंत्री जी ने आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस बार विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘टूरिज्म एण्ड ग्रीन इन्वेस्टमेन्ट’ है। पर्यटन की सम्भावनाओं के साथ ग्रीन इन्वेस्टमेन्ट की बात हो रही है। पर्यटन स्थलों पर इलेक्ट्रिक बस, सोलर लाइट, ई-रिक्शा आदि को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। लोगों को पर्यटन स्थल के प्रति आध्यात्मिक एवं सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। प्रदेश सरकार कनेक्टिविटी तथा ग्रीन इन्वेस्टमेन्ट के साथ पर्यटन को आगे बढ़ा रही है। मंदिर में जो श्रद्धालु पुष्प अर्पित करते हैं, उसे इधर-उधर न फेंका जाये, बल्कि एकत्र करके उससे अगरबत्ती, इत्र, धूप आदि बनाई जा सकती है। इसके अलावा अवशेष से कम्पोस्ट बनाई जा सकती हैं। हमें एक ईको-सिस्टम से जुड़ना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित भारत में दो प्रकार के टूरिज्म देखने को मिलते हैं। पहला, परम्परागत रूप से धार्मिक पर्यटन और दूसरा, मनोरंजन की दृष्टि से पर्यटन। यह दो पक्ष भारत तथा उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण हैं। आज पर्यटन की अनेक विधाएं जन्म ले चुकी हैं। इस दृष्टि से धार्मिक पर्यटन में उत्तर प्रदेश जितना धनी है, दुनिया में अन्यत्र मिलना कठिन है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत एक वर्ष में 30 करोड़ पर्यटक धार्मिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग पवित्र धामों का दर्शन करने के लिए आये हैं। इन 30 करोड़ लोगों के पीछे एक पूरा ईको-सिस्टम छिपा हुआ है। इसके माध्यम से लाखां लोगों ने रोजगार प्राप्त किया और उनकी आजीविका चली। यह उत्तर प्रदेश के एक धनी धार्मिक पर्यटन की तस्वीर हम सबके सामने प्रस्तुत करता है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में अकेले सावन के महीने में लगभग 2 करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आये। पहले इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं आते थे, लेकिन जब धाम बना तो वहां पर्यटन की सुविधाएं बढ़ीं। अब आसानी से दर्शन हो सकता है। लोगों के सामने संदेश गया तो पूरा देश काशी के लिए उमड़ पड़ा है। अयोध्या, मथुरा, वृंदावन में लोग बड़ी संख्या में जा रहे हैं, क्योंकि सुविधाएं बढ़ी हैं और इन स्थानों पर आसानी से पहुंच सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर के लोगों को बहुत दूर जाने की आवश्यकता नहीं है। रामगढ़ताल में रात्रि के समय 15 से 20 हजार गोरखपुरवासी आकर पर्यटन का आनन्द लेते हैं। यहां नौकायन होता है और नौकायन से बहुत से गरीबों की आजीविका चलती है। इसके साथ ही, लगभग 200 पटरी व्यवसायियों की आजीविका भी चलती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमृत महोत्सव में पंचप्रण की याद सभी देशवासियों को दिलाई थी। उसमें अपनी परम्परागत विरासत के प्रति सम्मान का भाव भी है। देश की आजादी की लड़ाई को एक नई ऊंचाई देने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारक हर जनपद, हर विकास खण्ड में बने हैं। उनके प्रति भी सम्मान का भाव हमारे मन में जाग्रत हो, वहां पर भी गांव के लोगों को लेकर जायें और उनके बारे में बतायें। आजादी की लड़ाई के महानायक और महापुरूषों को सम्मान देना, न केवल गांववासियों, बल्कि हर व्यक्ति का दायित्व बनता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएं हैं। इन सम्भावनाओं को विकसित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पर्यटन के विकास के लिये कनेक्टिविटी अच्छी की जा रही है। एयरपोर्ट, फोरलेन, टूलेन की कनेक्टिविटी दी जा रही है। आज उत्तर प्रदेश में 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। 12 एयरपोर्ट की योजना है। आज गोरखपुर से 14 फ्लाइट देश के प्रमुख शहरों के लिये चल रही हैं। वंदे भारत ट्रेन गोरखपुर से चल रही है, अच्छी बसें चल रही हैं। इन सभी क्षेत्रों को विकसित करने के लिए अनेक सम्भावनाएं हैं। रामगढ़ताल में सी-प्लेन तथा क्रूज चलाने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिये हम सबका दायित्व भी बनता है। अगर सुविधाएं हैं तो हमारा कर्तव्य भी है कि पर्यटन स्थलों को स्वच्छ व सुंदर बनाये रखने में अपना योगदान दें। वहां की सम्पत्ति को कोई नुकसान न पहुंंचाए। इन स्थलों को किसी भी मादक पदार्थ से मुक्त रखें। जगह-जगह कूड़ा फेंकने से बचना है। प्लास्टिक बैन है लेकिन फिर भी कुछ लोग प्लास्टिक बैग का उपयोग करते हैं और वहीं फेंक देते हैं। इससे सड़कों पर कूड़ा होता है। नाली ब्लॉक हो जायेगी, तो जलजनित बीमारियां जैसे डेंगू, इन्सेफेलाइटिस, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि फैलती हैं। हमे अपने शहर को इन सबसे मुक्त रखना होगा। हमें स्वच्छता के प्रति जागरूक होना पड़ेगा और जागरूक होने के साथ ही, यह ध्यान देना होगा कि हम स्वच्छता बनाये रखें और दूसरां को भी गंदगी नहीं करने दें। अगर हम इस संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं तो पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्थानीय लोगो को पर्यटन यूथ गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया जाये। उन्हें हिन्दी, अंग्रेजी और जिन देशों से पर्यटक आते हैं, उनकी भाषाओ का प्रशिक्षण दिया जाये। पर्यटन स्थलों में उन भाषाओं में साइन बोर्ड लगाए जायें। जिससे विदेशों से आने वाले पर्यटकां को किसी भी स्थल पर जाने में असुविधा न हो। डिजिटल टूरिस्ट गाइड की व्यवस्था भी की जाये। जिससे कोई भी पर्यटक अपने स्मार्ट फोन में सभी पर्यटक स्थलों की सूची प्राप्त कर सके। स्थानीय युवाओं को पर्यटक गाइड के रूप में इस प्रकार प्रशिक्षित किया जाये कि वह पर्यटक स्थल की ऐतिहासिकता और आध्यात्मिकता की पूरी जानकारी रखें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर में अनेक पर्यटक स्थल हैं। प्राचीन ज्ञान की धरा गीता प्रेस, धार्मिक स्थलों में गोरखनाथ मंदिर तथा विरासत के रूप में पं0 राम प्रसाद बिस्मिल जी का स्मारक स्थल, वीर बन्धु सिंह का स्मारक स्थल चौरी-चौरा शहीद स्मारक तथा डोहरिया कला शहीद स्थल का विद्यालयों के बच्चों को भ्रमण कराकर उनका ऐतिहासिक स्थलों के विषय में ज्ञानवर्धन किया जाये। विशेष रूप से वर्तमान पीढ़ी को अपनी विरासत के विषय में अवश्य बताया जाये। इन ऐतिहासिक स्थलों की फिल्में पर्यटकों को अवश्य दिखाई जाये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश/जनपद स्तर पर पर्यटक स्थलों की ऐतिहासिकता के विषय में विद्यालयों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा कराई जाये और उनको प्रोत्साहित भी किया जाये। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी पाठ्यक्रम के रूप में पर्यटन को जोड़ा गया है। विद्यार्थियों को केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने की आवश्यकता है। विरासत के प्रति सम्मान और गौरव की अनुभति सभी लोगों को करनी चाहिए।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने श्री गोरखनाथ मन्दिर से विद्यालयों के युवा पर्यटन क्लब के सदस्यों, नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवकों एवं मीडिया प्रतिनिधियों की बसों को हरी झण्डी दिखाकर जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण स्थल के भ्रमण के लिये रवाना किया।
इस अवसर पर सांसद श्री रवि किशन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
——–