मुख्यमंत्री गोरखपुर में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के शताब्दी वर्ष समारोह में सम्मिलित हुए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद गोरखपुर में बैंक रोड स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के शताब्दी वर्ष समारोह में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर विरासत दीर्घा (हेरिटेज गैलरी) का लोकार्पण किया। हेरिटेज गैलरी में भारतीय स्टेट बैंक गोरखपुर शाखा द्वारा 15 अक्टूबर, 1923 से अब तक के दस्तावेजों को संरक्षित किया गया है। उन्होंने हेरिटेज गैलरी का अवलोकन तथा भारतीय स्टेट बैंक परिसर में पौधरोपण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा द्वारा प्रदान किये गये 08-08 लाख रुपये के चेक तथा बेसिक शिक्षा अधिकारी को दो प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास हेतु प्रदान किये गये 05-05 लाख रुपये के चेक सौंपे। इसके अलावा, उन्होंने क्रियांस डिजिटली प्राइवेट लिमिटेड के श्री विनय सिंह को ऋण स्वीकृति पत्र, विभिन्न स्वयं सहायता समूह के लाभार्थियों को चेक तथा स्टैंडअप इण्डिया योजना की लाभार्थी सुश्री निधि पाण्डेय को 11 लाख रुपये का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री जी ने दो महिला बैंककर्मी सुश्री प्रीति यादव और सुश्री जसलीन कोहली को उनके उत्कृष्ट कार्य हेतु प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की गोरखपुर शाखा के 100 साल पूरे होने के दिन ही शारदीय नवरात्रि का प्रथम दिन है। भारतीय स्टेट बैंक सन् 1806 में बैंक ऑफ कलकत्ता के रूप में स्थापित हुआ था। सन् 1840 में मुम्बई, सन् 1845 में मद्रास में स्थापित होने के बाद सन् 1921 में यह इम्पीरियल बैंक ऑफ इण्डिया के रूप में स्थापित हुआ। सन् 1955 में यह स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के रूप में स्थापित हुआ। सन् 1806 से इसकी यात्रा आज यहां तक पहुंची है। गोरखपुर में इम्पीरियल बैंक की शाखा का प्रस्ताव 1980-82 में गया था, लेकिन खारिज हो गया। उन्हें लगता था कि बैंक यहां अपना खर्च नहीं निकाल पायेगा। सन् 1892 में दूसरा प्रस्ताव मान लिया गया था, लेकिन सहमति सन् 1923 में प्राप्त हुई और 15 अक्टूबर 1923 को यह बैंक शाखा स्थापित हुई। 100 साल बाद आज वही बैंक शाखा यहां भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के रूप में स्थापित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक मण्डलवासियों एवं गोरखपुरवासियों के विकास में सहयोग के लिए सदैव अग्रणी रहा है और आज भी निरन्तर आगे बढ़ रहा है। आज यह 80 शाखाओं, 439 ग्राहक सेवा केन्द्रों, 236 ए0टी0एम0 और कियॉस्क, 21 लाख खाताधारकों तथा 11 हजार 500 करोड़ रुपये की जमा पूंजी के साथ गोरखपुर के विकास के लिए कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद बैंकिंग सेक्टर में क्रान्तिकारी बदलाव आया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए जिन व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाया है, उनमें जनधन खाते के साथ आधार को जोड़ना भी है। आज इस व्यवस्था द्वारा डी0बी0टी0 के माध्यम से कोई भी नगद लाभ सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंचता है। नगद लेन-देन लगभग बंद हो गया है। यू0पी0आई0 आज विश्व में सबसे बेहतरीन कार्य करने वाली व्यवस्था बन चुकी है, यह भारत की देन है।
मुख्यमंत्री जी ने भारतीय स्टेट बैंक गोरखपुर मुख्य शाखा के 100 साल पूरे होने पर बधाई देते हुए कहा कि गोरखपुर के विकास में इस बैंक की बड़ी भूमिका है। गोरखपुर में आज नये-नये उद्यम लग रहे है। विकास के नये कार्य हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश ने वर्तमान में 02 करोड़ 62 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, 01 करोड़ 91 लाख बच्चों के माता-पिता या अभिभावक के बैंक खातों में 1200 रुपये धनराशि प्रति बच्चे की दर से बैग, ड्रेस, स्वेटर, जूते आदि के लिए सीधे डी0बी0टी0 के माध्यम से भेजी जा रही है। प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के 01 करोड़ लाभार्थियों को 01 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन डी0बी0टी0 के माध्यम से भेजी जा रही है। प्रधानमंत्री जी द्वारा जनधन खाते खुलवाये जाने से यह काम सम्भव हो पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान आशा, आंगनबाड़ी, पैरामेडिकल स्टाफ आदि फ्रन्टलाइन वर्कर्स ने गांव-गांव जाकर जिस प्रकार कार्य किया, वैसे ही बैंकों ने भी इस संकट में अपनी प्रतिबद्धताओं का निर्वहन किया और बैंक के कार्यां को लगातार जारी रखा। लोगों के कार्य बंद होने के बाद उनके लिए पोषण भत्ता देने की कार्यवाही में बैंक ने अवकाश के दिन भी कार्य करके महत्वपूर्ण सहयोग दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बैंक अपने कार्य को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। प्रदेश में 11,574 करोड़ रुपये जमा होने पर 04 हजार करोड़ रुपये लोन मिलता है, जो कम है। इसे और आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि बैंक, उद्यमियों, व्यावसायियों, युवाओं को प्रशिक्षण देकर लोन उपलब्ध कराने का कार्य करें। एक सप्ताह या 15 दिन का ट्रेनिंग कैम्प आयोजित करके सभी को सफल व्यवसाय प्रारम्भ करने तथा उसे आगे बढ़ाने के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण के बाद लोन मेला लगाकर लोन देने का कार्य करें। व्यवसाय बढ़ने से बैंक का लाभ भी बढ़ेगा। पैसे को जमा रखने से उसमें बढ़ोत्तरी नहीं, बल्कि कमी होगी। इसलिए बैंकों को सभी को इस प्रक्रिया से जोड़कर आगे बढ़ना होगा। प्रधानमंत्री जी ने भी इस पर विशेष जोर दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की इस शाखा की 100 वर्ष की यात्रा सराहनीय है। वर्ष 1923 में जब यह बैंक खुला था, तब गोरखपुर की आबादी लगभग 50 हजार थी। आज नगर निगम की आबादी लगभग 15 से 20 लाख तथा जनपद की आबादी लगभग 70 लाख है। पहले यहां उद्योग के नाम पर चीनी मिल तथा सहजनवां की जूट मिल हुआ करती थी। आज गोरखपुर में आबादी बढ़ने के साथ ही नये-नये उद्योग भी लगातार लग रहे है। पाइप निर्माण फैक्ट्री, वेबरेज डिस्टलरी, ऐथेनाल प्लाण्ट, डेयरी प्लाण्ट, फर्टिलाइजर आदि अन्य विभिन्न उद्योग स्थापित है। इन उद्योगों से रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ती हैं। साथ ही, किसानों एवं पशुपालकों को स्वावलम्बी भी बनाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय एवं अन्य बुनियादी संरचना आदि के लिए अपने पास से पूंजी लगाना कठिन होता है। इसलिए बैंक सहायक बने और इस काम को पूंजी की सहायता से आगे बढ़ाये। आज गोरखपुर में बड़े-बड़े उद्योगां के साथ बड़े-बड़े मॉल भी खुल रहे है। यहां विकास की अलग-अलग प्रक्रिया प्रारम्भ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि व्यवसाय बढ़ाने के लिए बैंकों को प्रशिक्षण के साथ शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टार्ट-अप योजना, स्टैण्ड-अप योजना, मेक इन इण्डिया एवं वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के साथ जुड़ने की आवश्यकता है। अधिक से अधिक युवाओं, व्यावसायियों के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। अगर इस प्रक्रिया को तेजी से बढ़ायेंगे, तो आज इस बैंक की 11 हजार 500 करोड़ रुपये की पूंजी बढ़कर भविष्य में जल्द ही 25 हजार करोड़ रुपये होगी। बैंक का लाभ भी बढ़ेगा तथा उन्हें अपने सामाजिक कार्यां को भी आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने बैंक की 100 साल की यात्रा को गरिमामय बताते हुए कहा कि बैंक ने अपने पुराने दस्तावेज आज भी सुरक्षित रखे हैं, जो आज के लोगों को इसकी विकास यात्रा से परिचित कराने में महत्वपूर्ण है। नगर निगम का नया भवन बन जाने के बाद पुराने भवन को म्यूजियम बनाना चाहिए तथा गोरखपुर की आने वाली पीढ़ियों को शहर के नगर पालिका से नगर निगम बनाने के प्रक्रिया को पुराने दस्तावेजां के माध्यम से अवगत कराया जाना चाहिए। सबको परिवर्तन के बारे में जानना चाहिए, यही आज की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन शुक्ल एवं भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबन्धक श्री विक्रम आनंद ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, भारतीय स्टेट बैंक के पदाधिकारीगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।