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मह‍िलाओं ने कोख में बदल ल‍िए बच्‍चे! ब्रिटेन में पहली बार ऐसा चमत्‍कार

आपने अस्‍पताल में बच्‍चों की अदला-बदली सुनी होगी. कई बार ऐसी हैरान करने वाली खबरें हमारे सामने आती हैं. लेकिन क्‍या आप सोच सकते हैं कि कोख में बच्‍चों की अदला बदली हो जाए? जी हां, आपने सही सुना, कोख में बच्‍चों की अदला-बदली. ब्रिटेन में पहली बार इस तरह का प्रयोग होने जा रहा है. 2 मह‍िलाएं जो आईवीएफ के जर‍िए एक ही पुरुष के शुक्राणु से प्रेग्‍नेंट हुईं, उन्‍होंने अपने कोख में बने भ्रूण बदल ल‍िए हैं. अब वे एक दूसरे के बच्‍चे को जन्‍म देने जा रही हैं. दोनों बच्‍चे स्‍वस्‍थ हैं और कुछ ही हफ्तों के भीतर दोनों का जन्‍म होने वाला है.

ब्रिटेन की रहने वाली एमिली पैट्रिक और केरी ओसबोर्न की कहानी हैरान करने वाली है. आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान दोनों ने अपने भ्रूणों की अदला-बदली की. इसका मतलब है क‍ि 38 साल की क्रिएटिव प्रोड्यूसर एमिली नए साल पर जिस बेटे को जन्म देने वाली हैं, वो जैविक रूप से केरी का होगा. जबक‍ि 35 वर्षीय स्कूल टीचर केरी फरवरी में एमिली के अंडे से पैदा हुए एक बच्‍चे को जन्म देंगी. दोनों महिलाएं एक साथ गर्भवती हैं और दो बेटों का पालन-पोषण करेंगी.

पिता एक पर बच्‍चों की मां 2
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एमिली ने कहा-हम एक ऐसा परिवार चाहते थे जिसमें हम दोनों एक-दूसरे के बच्चों के साथ शारीरिक और भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़ा हुआ महसूस करें. इसके लिए कोई खाका नहीं था लेकिन यह हमारे लिए समझ में आया. सीधे शब्‍दों में कहें तो बच्‍चों में हम दोनों अंश होगा. भले उनके पिता एक होंगे, लेकिन हम समान रूप से उनकी मां होंगी. एमिली ने कहा, पहले हमें आश्चर्य होता था कि क्या हम कभी इस तथ्य के बारे में सोचेंगे कि जिस बच्चे को हम पाल रहे हैं वह हमारा अपना जैविक बच्चा नहीं है. लेकिन अपने अंदर एक ऐसे बच्चे को विकसित होते हुए महसूस करना, जो बाद में आपका नहीं होगा, यह बेहद भावनात्‍मक अनुभव है.

तकरीबन 26.35 लाख का खर्च
केरी ने कहा, एमिली के बच्चे के साथ प्रेग्‍नेंट होना सौभाग्य की बात है. जिस व्यक्ति से आप सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, उसके साथ यह करना वास्‍तव में अद्भुत है. हम मानते हैं कि कुछ साल पहले इस तरह का विकल्‍प लोगों के पास नहीं था. समलैंगिक माता-पिता बनना बहुत कठिन था. लेकिन अब हम ऐसा कर सकते हैं. कुल खर्च के बारे में पूछे जाने पर केरी ने कहा, 25,000 पाउंड का खर्च आया. भारतीय रुपये में इसे देखें तो तकरीबन 26.35 लाख का खर्च. एक जर्मन डोनर से शुक्राणु खरीदा गया. बच्‍चों को 18 साल की उम्र होने पर उन्‍हें अपने पिता के बारे में जानने का अध‍िकार होगा. केरी ने कहा- बच्‍चों को यह जानने का पूरा अधिकार होना चाहिए कि उनका पिता कौन है और वह कैसा है. मुझे नहीं लगता कि उनके पास खोने के लिए कुछ भी है. सबकुछ पाने के ल‍िए ही है.

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