LIVE TVMain Slideउत्तर प्रदेशखबर 50देशबड़ी खबर

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में अमर उजाला सम्मान समारोह में बच्चों को सम्मानित किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पुस्तकीय ज्ञान हमें शिक्षित बनाता है, लेकिन जब हमारी निर्भरता पुस्तकीय ज्ञान पर होती है तो एक समय बाद यह अंतर्मन से विलुप्त हो जाता है। जब व्यावहारिक धरातल पर इस ज्ञान का अवलोकन किया जाता है तो यह हमारे अंतःकरण में एक अमिट छाप छोड़ता है और जीवन पर्यन्त हमारे लिए एक नई प्रेरणा बनता है। जीवन की सफलता का मार्ग यहीं से प्रारम्भ होता है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में अमर उजाला द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बच्चों को सम्मानित किया। उन्होंने अमर उजाला द्वारा भावी पीढ़ी की प्रतिभा संवर्धन के लिए किए जा रहे कार्यों में सहयोग करने वाले 03 अधिकारियों को भी सम्मानित किया। ज्ञातव्य है कि अमर उजाला द्वारा जनपद गोरखपुर में ‘बाल मेला’ तथा ‘बाल उमंग’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इन कार्यक्रमों में आयोजित की गयी प्रतियोगिताओं में चयनित बच्चों को मुख्यमंत्री जी ने सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अमर उजाला द्वारा बाल प्रतिभाओं के प्रोत्साहन के लिए ‘बाल मेला’ और ‘बाल उमंग’ कार्यक्रम, भावी भविष्य को उज्ज्वल बनाने और उन्हें समाज से जुड़ी हुई ज्वलन्त समस्याओं के प्रति जागरूक करने का माध्यम बन सकता है। यह आम जनमानस की चेतना को भी जाग्रत कर सकता है, यदि हम इन कार्यक्रमों में एक निरन्तरता बनाए रखें। पर्यावरण, जीव सृष्टि तथा भारत की भावी पीढ़ी को ज्ञानवान बनाने की दृष्टि से यह अत्यन्त आवश्यक है कि हम अलग-अलग महत्वपूर्ण मुद्दों के विषय में समय-समय पर बाल मेलों का आयोजन करें और इनसे जुड़े हुए कार्यक्रमों को बढ़ावा दें। यह प्रत्येक बच्चे के मन में अपने शहर, वाॅर्ड, मोहल्ले, अपनी विरासत तथा अपनी मातृभूमि के प्रति आत्मीयता का भाव पैदा करेंगे। अमर उजाला परिवार द्वारा प्रारम्भ की गयी यह मुहिम अत्यन्त सराहनीय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अमर उजाला ने इस अभियान के माध्यम से गोरखपुर शहर में जो बदलाव आए हैं, उन्हें भी प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। एक समय था, जब गोरखपुर की सड़कें संकरी थीं, आज हर सड़क 04 लेन की हो रही है। एक समय बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज स्वयं बीमार था, आज यह आरोग्यता का बेहतर केन्द्र है। साथ ही, गोरखपुर में एम्स भी बना है। एक समय था, जब गोरखपुर में कोई विश्वविद्यालय नहीं था, आज दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय सहित यहां 04-04 विश्वविद्यालय हैं। एक समय गोरखपुर का फर्टिलाइजर कारखाना बन्द हो चुका था, आज यह फिर से चल रहा है।
एक समय गोरखपुर में रामगढ़ताल गंदगी का केन्द्र बन गया था, आज यहां लोग सेल्फी लेते हैं और परिवार के साथ मनोरंजन के लिए जाते हैं। एक समय गोरखपुर से कहीं जाने के लिए पहले दिल्ली या लखनऊ जाना पड़ता था, आज गोरखपुर देश के सभी प्रमुख नगरों से वायु सेवा के माध्यम से जुड़ चुका है। पहले गोरखपुर की प्रतिभाओं को नौकरी और रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता था, आज गोरखपुर में इतने उद्योग और संस्थान आ गए हैं कि बाहर से जुडे़ लोग यहां नौकरी प्राप्त करने आ रहे हैं। पहले चिड़ियाघर घूमने दिल्ली या लखनऊ जाना पड़ता था, आज गोरखपुर में ही बेहतरीन चिड़ियाघर मौजूद है। अमर उजाला ने गोरखपुर की एक तस्वीर हमारे सामने प्रस्तुत की है। यह एक लोकप्रिय समाचार पत्र है, जो अपनी लेखनी के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहा है। आम जनमानस इसे पसंद कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने अमर उजाला परिवार द्वारा अलग-अलग संस्थाओं से जुड़े बच्चों को सम्मानित करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी बच्चे अपना बेहतर प्रयास करें, उन्हें सफलता अवश्य प्राप्त होगी। जीवन निराशा के लिए नहीं, बल्कि चुनौतियों से जूझने के लिए है। चुनौतियों से जूझते हुए जब हम अपना मार्ग प्रशस्त करते हैं तो सफलता अवश्य प्राप्त होती है। हमारी पीढ़ी अत्यन्त सौभाग्यशाली है कि 500 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद अयोध्या में श्रीरामलला की मूर्ति की भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हमने अनुभव किया। यह भारत के गौरव की पुनप्र्रतिष्ठा का आयोजन है।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गोरखपुर प्राणि उद्यान में बाल मेले का आयोजन हुआ था। प्राणि उद्यान केवल जीवों को रखने का एक माध्यम नहीं है, बल्कि जीवन चक्र को समझने का भी सशक्त माध्यम है। वहां मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के साथ ही, तथा जीवों को नजदीक से जानने और जीव सृष्टि को समझने का एक अवसर भी हमारे सामने होता है। जीव सृष्टि के साथ हम सबका जीवन जुड़ा हुआ है। यदि केवल मनुष्य ही रहेगा और कोई अन्य प्राणी नहीं रहेगा, तो सृष्टि के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जाएगा। सभी जीवों की उपस्थिति अत्यन्त आवश्यक है। सभी जीव एक दूसरे पर आश्रित है। जीवन चक्र इसी तरह जुड़ा हुआ है। अगर हम पर्यावरण को नुकसान पहुंचायेंगे, तो जीव सृष्टि को भी नुकसान होगा। यदि जीव सृष्टि खतरे में होगी, तो हम भी सुरक्षित नहीं रहेंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्लोबल वाॅर्मिंग के कारण मौसम में व्यापक परिवर्तन होने की स्थिति बनी है। यह पूरी दुनिया में वैज्ञानिकों तथा पर्यावरणविदों के सामने चिन्ता का विषय है। यदि इसे रोका नहीं गया, तो दुनिया के कई क्षेत्रों में व्यापक सूखा और बाढ़ की स्थिति का सामना लोगों को करना पड़ सकता है। समुद्र के किनारे की बड़ी आबादी इसकी चपेट में आ सकती है। लोग भूख से मरने के लिए मजबूर होंगे। इनसे बचने के लिए हमें पर्यावरण संरक्षण के उन उपायों पर ध्यान देना होगा, जो मानव सृष्टि के साथ ही, जीव सृष्टि को बचा सकें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से हम एक दूसरे के प्रति जवाबदेह बन सकें, इसके लिए अनेक उपाय किये गये हैं। आज से 05-06 वर्ष पूर्व शहरों में पीली हैलोजन स्ट्रीट लाइटें होती थीं। यह विद्युत की ज्यादा खपत करती थी और इनसे कार्बन उत्सर्जन भी अधिक होता था। कार्बन उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग का कारण है और प्रकृति के लिए खतरनाक हैै। हमारी सरकार ने एक बड़ा अभियान चलाकर हैलोजन स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा की कम खपत करने वाली एल0ई0डी0 लाइट लगायीं। यह एल0ई0डी0 लाइट हैलोजन लाइट से ज्यादा प्रकाश देती हैं। इनसे कार्बन उत्सर्जन को भी नियंत्रित किया गया। राजस्व की बचत भी हुई।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कई संस्थाओं ने एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए आग्रह किया। इन संस्थाओं ने इसके लिए किसी भी प्रकार की धनराशि की मांग नहीं की, बल्कि 05-06 वर्षों के लिए इसके मेंटेनेंस की व्यवस्था करने की बात की। इन एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट से जो विद्युत की बचत हुई, उस राशि से ही उन्होंने अपना खर्चा निकाला। देखते ही देखते पूरे प्रदेश में 16 लाख एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइटें लगायी गयीं, जिनके लिए सरकार को कोई पैसा नहीं देना पड़ा। यह आम के आम और गुठलियों के दाम जैसा रहा। सरकार को कोई पैसा भी नहीं देना पड़ा, लाइट भी अच्छी हो गयी, बिजली की खपत भी कम हुई तथा कार्बन उत्सर्जन से होने वाले पर्यावरण के नुकसान को भी रोका गया। यह कार्य इसलिए किया गया, क्योंकि हमें अपने देश को अच्छा बनाना था। ऊर्जा की बचत हुई तो हम नये विद्युत कनेक्शन भी दे पाए। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में 04-05 घण्टे की बिजली आती थी। आज 24 घण्टे बिजली मिल रही है, क्योंकि सरकार ने एक जगह बचत की तो दूसरी जगह इसे पहुंचाने का कार्य किया गया। पूरा समाज इससे लाभान्वित हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जुलाई माह में सरकार वन महोत्सव के अवसर पर वृहद वृक्षारोपण का अभियान चलाती है। हर व्यक्ति से कम से कम एक पेड़ लगाने तथा उसका संरक्षण करने का आग्रह किया जाता है। गांव, मोहल्ले तथा जनपद में जो वृक्ष 100 वर्ष पुराने होते हैं, उन्हें विरासत वृक्ष घोषित करते हुए उनकी सुरक्षा और संरक्षण का भी अभियान चलाया जाता है। यह कार्यक्रम बड़े पैमाने पर आयोजित हुए। इसका परिणाम है कि सरकार द्वारा कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए किए गए प्रयासों में जो सफलता प्राप्त हुई है, इसके लिए आज दुनिया की अन्तरराष्ट्रीय संस्थाएं हमें पुरस्कृत कर रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्यावरण के लिए सिंगल यूज़ प्लास्टिक हानिकारक है। सरकार ने इसे प्रतिबन्धित किया है। सरकार डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कराती है। प्रयास होना चाहिए कि अपने घरों का कूड़ा सड़क तथा नाली में नहीं फेंकेे। सरकार के साथ ही, समाज को भी इसके लिए जागरूक होना पड़ेगा। स्वच्छता के प्रति जागरूक बनें और अपने घर, मोहल्ले, वाॅर्ड, शहर को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाए रखने में अपना योगदान दें। अगर हर व्यक्ति जागरूक हो तो इसके बेहतर परिणाम आएंगे। हम अनेक बीमारियों से बच पाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था के लिए साॅलिड तथा लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के बेहतर प्रयास चल रहे हैं। जल प्रदूषण सहित पर्यावरण संरक्षण के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए यह एक चुनौती है। हम सभी को इन कार्यक्रमों के साथ जुड़ना होगा। संस्थाओं को इसके लिए आगे आना होगा। जब समाज आगे होता है, उनके साथ संस्थाओं का योगदान रहता है और सरकार पीछे रहकर अपना समर्थन देती है तभी कोई अभियान जन अभियान बन पाता है और सफलता की ऊंचाइयों को प्राप्त करता है। जब सरकार आगे रहती है और समाज पीछे रहता है तो वहां सफलता की उम्मीद बहुत कम रहती है।
इस अवसर पर सांसद श्री रवि किशन शुक्ल, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 पूनम टण्डन, महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डाॅ0 अतुल बाजपेयी, अमर उजाला के स्थानीय सम्पादक श्री विनीत सक्सेना सहित शिक्षक, गणमान्य नागरिक एवं बच्चे उपस्थित थे।  

Related Articles

Back to top button