बड़ीखबर! मजदूरों को मिलेगी हर महीने तीन हजार रुपये पेंशन…
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वर्ष 2024 के लिए अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PMSYM) के लिए 177.24 करोड़ रुपये के आवंटन प्रस्ताव किया गया है। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बुढ़ापे में पेंशन देकर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
क्या है प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PMSYM)?
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए शुरू की गई है। इसके लिए 18 वर्ष से 40 वर्ष के व्यक्तियों को आवेदन करना होगा, जिसके बाद वह असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए पेंशन मिलती है। इस योजना के तहत लाभार्थी को हर महीने कंट्रीब्यूशन करना होता है, जितना वो देते हैं, उतना ही सरकार उसमें मिलाती है।
सरल शब्दों में कहें तो, अगर लाभार्थी इसमें 100 रुपये देते हैं, तो 100 रुपये सरकार की ओर से दिया जाता है। इसमें 60 साल की आयु तक निवेश करना होता है। 60 की उम्र के बाद आपको हर महीने 3 हजार रुपये की पेंशन इस स्कीम के अंतर्गत मिलेगी।
कैसे ले सकेंगे आवेदन का लाभ?
आप श्रम योगी मानधन योजना के पोर्टल पर विजिट करके आसानी से इस स्कीम में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको नीचे दिए गए पैटर्न को फॉलो करना होगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) सेंटर पर जाना होगा। इसके बाद वहां आधार कार्ड और बचत खाता या जनधन खाता जो भी उसकी जानकारी देनी होगी। प्रूफ के तौर पर पासबुक, चेक बुक या बैंक स्टेटमेंट दिखा सकते हैं।
खाता खोलते समय ही ऑन नॉमिनी भी दर्ज करा सकते हैं। एक बार आपकी डिटेल कंप्यूटर में दर्ज होने के बाद मंथली कंट्रीब्यूशन की जानकारी खुद मिल जाएगी। इसके बाद आपको अपना शुरूआती योगदान कैश के रूप में देना होगा। इसके बाद आपका खाता खुल जाएगा और श्रम योगी कार्ड मिल जाएगा।
आप इस योजना की जानकारी 1800 267 6888 टोल फ्री नंबर पर ले सकते हैं। इसके अलावा, इस योजना से जुड़ी जानकारी के लिए labour.gov.in/pm-sym वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं।
इस योजना के तहत किस-किस को पेंशन मिलेगा?
ये योजना असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लाभ के लिए शुरू की गई है। इनमें घर में काम करने वाले, ड्राइवर, प्लंबर, कूड़ा बीनने वाले, दर्जी, मिड-डे मील वर्कर, बीड़ी बनाने वाले, रिक्शा चालक, रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार, चमड़ा कामगार, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी को शामिल किया गया है।
इसके साथ ही, खेल का सामान बनाने वाले, स्टील के बर्तन और बर्तन निर्माण, रेशम के कीड़ों का पालन करने वाले, सर्विस स्टेशन पर काम करने वाले, प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले, खदान का काम करने वाले, माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस गेदरिंग, माइनर मिनरल व माइन वर्क करने वाले, अखबार बेचने वाले और एनजीओ सर्विस वालों को भी लाभ मिलेगा।
क्या है शर्तें?
योजना के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूर की इनकम 15,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
सेविंग बैंक अकाउंट या फिर जन-धन अकाउंट की पासपोर्ट और आधार नंबर होना चाहिए।
उम्र 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
पहले से केंद्र सरकार की किसी अन्य पेंशन स्कीम का फायदा नहीं उठाया रहा हो।
अपने हिस्से का योगदान (किश्त) करने में चूक होने पर पात्र सदस्य को ब्याज के साथ बकाए का भुगतान करके कंट्रीब्यूशन को नियमित करने की अनुमति होगी।
योजना से जुड़ने की तारीख से 10 साल के अंदर स्कीम से निकलने का इच्छुक है, तो केवल उसके हिस्से का योगदान सेविंग बैंक की ब्याज दर पर उसे लौटाया जाएगा।
किसी कारण से सदस्य की मौत हो जाने पर जीवनसाथी के पास स्कीम को चलाने का विकल्प होगा।
अगर इस योजना के तहत पेंशन पाने वाली की 60 साल के बाद मौत हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को 50 फीसदी पेंशन मिलेगी।
पेंशन राशि का निर्धारण व्यक्ति द्वारा उनके कार्य वर्षों के दौरान किए गए योगदान के आधार पर किया जाता है।