राम मंदिर की दक्षिण दिशा में बनेगा सप्तमंडपम!
अयोध्या में नवनिर्मित राममंदिर के दक्षिण दिशा में सप्तर्षियों (वशिष्ठ, विश्वामित्र, कश्यप, भारद्वाज, अत्रि, यमदग्नि, गौतम) के लिए सप्तमंडपम का निर्माण होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डाॅ. अनिल मिश्र ने रविवार को यह जानकारी दी।
डाॅ. अनिल मिश्र राममंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद पत्रकारों को बैठक से जुड़ी जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट समयबद्ध निर्माण के प्रति गंभीर है और इसी क्रम में 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला तक संपर्क मार्ग भी बन रहा है। यात्री सुविधा केंद्र का 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।
शेष कार्य मार्च के अंत तक पूरा करने की योजना है। इस बैठक में दूसरे चरण की कार्ययोजना के अनुरूप आठ एकड़ के राममंदिर के परकोटा से बाहर रामजन्मभूमि परिसर के शेष भू-भाग पर निर्माण शुरू किए जाने का विचार किया गया है। इस क्रम में यज्ञशाला, आडीटोरियम, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम प्रमुख है।
रामलला के दर्शनार्थियों के आवागमन को ध्यान में रखते हुए यह भी तय किया गया कि मंदिर के शेष निर्माण की सामग्री लेकर आने-जाने वाले वाहन रात में ही आएं। 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के चलते निर्माण की प्रक्रिया 15 जनवरी से ही रोक दी गयी थी। एक-दो दिनों में इसके पुन: शुरू होने की संभावना है।
डाॅ. मिश्र के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के बाद से शनिवार तक रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या 25 लाख से ऊपर पहुंच चुकी थी और प्रतिदिन दर्शनार्थियों की औसत संख्या तीन लाख आंकी गयी है।
नये कलेवर में होगा रामकथा संग्रहालय
प्रदेश सरकार ने गत वर्ष ही अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के संचालन का दायित्व ट्रस्ट को सौंप दिया था। इस दायित्व के अनुरूप ट्रस्ट संग्रहालय को नया कलेवर देने के प्रति गंभीर है। अनिल मिश्र के अनुसार इस दिशा में काम भी प्रारंभ हो गया है। राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र दो दिनों से राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना को अंतिम रूप देने में लगे हैं।