जम्मू में प्रधानमंत्री मोदी की रैली पर खराब मौसम का साया
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एमए स्टेडियम जम्मू में 20 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित रैली पर खराब मौसम का साया मंडरा रहा है। जम्मू-कश्मीर में 17 से 21 फरवरी तक सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। खासतौर पर 19 और 20 फरवरी को भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार, कश्मीर संभाग में 17 फरवरी की दोपहर से कुछ मध्यम से तीव्र पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और आसपास क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। 17 फरवरी की रात से 21 फरवरी की दोपहर तक जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। कश्मीर के कई हिस्सों में आंशिक रूप से आमतौर पर बादल छाए रहेंगे और देर रात तक ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है।
18 फरवरी को भी बादल छाए रहेंगे और कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश व बर्फबारी की संभावना है। 19 से 20 फरवरी को कुपवाड़ा, बारामुला, बांदीपोरा, गांदरबल, बडगाम, शोपियां और कुलगाम जिले के मध्य व ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी की चेतावनी है। जबकि मैदानी व निचले इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी होगी। इसका प्रभाव 20 फरवरी की रात तक रहेगा।
21 फरवरी को भी दोपहर तक कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बर्फबारी की संभावना है, जिसके बाद मौसम में सुधार होगा। जम्मू संभाग में 18 फरवरी को कई स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। 19 से 20 फरवरी को जम्मू संभाग के मैदानी इलाकों में गरज/बिजली चमकने के साथ रुक-रुककर बारिश हो सकती है। रामबन, पुंछ, डोडा और किश्तवाड़ के पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हो सकती है। 21 फरवरी की दोपहर तक भी कुछ स्थानों पर बारिश, बर्फबारी और तूफान की संभावना है। जिसके बाद मौसम में सुधार आएगा।
हाईवे व अन्य मार्गों सहित हवाई सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित
बारिश और भारी बर्फबारी के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, सिंथन दर्रा, मुगल रोड, साधना, राजदान दर्रा और जोजिला की महत्वपूर्ण सड़कें अस्थायी रूप से बंद हो सकती हैं। यात्रियों को प्रशासन और यातायात विभाग की एडवाइजरी के तहत ही यात्रा शुरू करने की सलाह दी गई है। इस अवधि के दौरान प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में गिरावट आएगी।
कहां कितना न्यूनतम पारा (डिग्री सेल्सियस में)
लेह -10.4
पहलगाम -5.2
गुलमर्ग -4.2
कुपवाड़ा -3.4
श्रीनगर -3.0
काजीगुंड -2.0
कोकरनाग -0.2
बटोत 0.6
भद्रवाह 1.6
बनिहाल 4.2
जम्मू 8.1
कटड़ा 9.0
श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर पूरी तरह से यातायात के लिए बहाल
श्रीनगर-लेह राजमार्ग 12 दिन बंद रहने के बाद बुधवार को पूरी तरह से यातायात के लिए बहाल कर दिया गया। दुनिया की सबसे कठिन पहाड़ी सड़कों में से एक 400 किमी से अधिक लंबी सड़क जोजिला दर्रे से होकर गुजरती है जो ठंडे रेगिस्तानी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश को जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों से जोड़ती है।
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मियों और मशीनरी के अथक प्रयासों के बाद राजमार्ग को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। चूंकि सोनमर्ग से गुमरी तक बर्फ से ढके जोजिला दर्रे से होकर गुजरने वाली लगभग 15 किलोमीटर की सड़क जमी हुई रहती है, इसलिए मोटर चालकों को सुरक्षा के लिए इस हिस्से पर यात्रा के दौरान टायर चेन का उपयोग करने की सलाह दी गई है।
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने से पहले श्रीनगर-लेह राजमार्ग नवंबर के अंत से मई की शुरुआत तक बंद रहता था। वर्तमान में जोजिला दर्रे के नीचे लगभग 6800 करोड़ रुपये की लागत से एक सुरंग बनाई जा रही है। यह सुरंग श्रीनगर-लेह राजमार्ग को हर मौसम के लिए उपयुक्त सड़क बनाएगी।