भारत को विकसित बनाने में रियल एस्टेट सेक्टर का होगा बड़ा रोल
भारत का रियल एस्टेट सेक्टर काफी तेजी से तरक्की कर रहा। इसका मौजूदा मार्केट साइज करीब 300 अरब डॉलर यानी 24 लाख करोड़ रुपये है। अगले एक दशक यानी साल 2034 तक रियल एस्टेट सेक्टर की वैल्यू 1.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी। अगर आजादी के 100वीं वर्षगांठ यानी 2047 की बात करें, तो इसका मार्केट साइज 5.17 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
मार्केट साइज में आवासीय क्षेत्र की बड़ी हिस्सेदारी
यह जानकारी रियल एस्टेट सेक्टर के शीर्ष संगठन- कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है। इसका नाम- ‘Building Viksit Bharat-Transformative role of the real estate sector in India’ है। क्रेडाई ने बताया कि भारत का रियल एस्टेट का बाजार जो अभी 24 लाख करोड़ रुपये का है, इसमें आवासीय क्षेत्र की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। वहीं, 20 फीसदी वाणज्यिक कामकाज होता है।
रियल एस्टेट सेक्टर का इकोनॉमी में अहम रोल
क्रेडाई का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट सेक्टर की काफी अहम भूमिका होगी। इसकी रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2034 तक जब रियल एस्टेट सेक्टर 1.3 अरब डॉलर तक पहुंचेगा, तो अनुमानित जीडीपी में इसकी हिस्सेदारी 13.8 फीसदी होगी। वहीं, आजादी के सौवें साल में यह आंकड़ा बढ़कर 17.5 फीसदी हो जाएगा।
45 लाख रुपये से ऊपर वाले घरों की डिमांड अधिक
इस वक्त आवासीय सेगमेंट 45 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की डिमांड अधिक है। इसकी कुल सप्लाई में हिस्सेदारी करीब 61 फीसदी है। क्रेडाई का यह भी अनुमान है कि 2030 तक 7 करोड़ यूनिट अतिरिक्त आवास मांग होगी। भारतीय खरीदारों की पसंद को देखते हुए क्रेडाई का यह भी मानना है कि 2030 तक 45 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले घरों डिमांड 87.4 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी।
रोजगार, आमदनी भी बढ़ाएगा सेक्टर
क्रेडाई का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर देश के समग्र विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह रोजगार बढ़ाएगा और बैंकिंग इको-सिस्टम के लिए राजस्व पैदा करेगा। साथ ही, इससे प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी। क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा, ‘विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में रियल एस्टेट सेक्टर का काफी अहम रोल रहेगा। इसकी झलक हाल ही जारी हुए मजबूत तिमाही जीडीपी ग्रोथ में भी दिखी।’