छठ महापर्व पर CM नीतीश के घर उल्लास, लालू-राबड़ी आवास पर पसरा सन्नाटा
बिहार में राजनेताओं के छठ की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घरों के छठ चर्चा में रहते आए हैं। कुछ सालों बाद इस बार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के घर राबड़ी देवी के छठ का इंतजार सबों को था, लेकिन उनके आवास पर सन्नाटा पसरा है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर छठ की रौनक दिख रही है।
विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परिजन उनके सरकारी आवास पर छठ पर्व धूमधाम से कर रहे हैं। इस साल 2016 से नहीं हो रहे राबड़ी देवी के छठ का भी इंतजार था, क्योंकि बीते साल उन्होंने घर में बहू आने के बाद छठ करने की घोषणा की थी। बेटे तेज प्रताप के विवाह के बाद घर में बहू आई, लेकिन छठ के पहले ही तलाक का लफड़ा फंस गया है। इस मुद्दे पर परिवार के विरोध से नाराज तेज प्रताप घर छोड़कर तीर्थों में भटक रहे हैं। इससे परेशान राबड़ी देवी ने दोनों बेटों के घर में रहने पर ही छठ करने की घोषणा करते हुए छठ नहीं किया है।
नीतीश आवास पर छठ की रौनक, खुद तैयारियां देख रहे मुख्यमंत्री
छठ में लालू-राबड़ी आवास में सन्नाटा है तो वहां से कुछ ही दूर स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर छठ पर्व की रौनक दिख रही है। खुद मुख्यमंत्री परिजनों के साथ छठ पूजा में शामिल हो रहे हैं। पटना के 7, सर्कुलर रोड स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर उनके साले अरुण कुमार की पत्नी रेणु देवी और दो भतीजियां झुन्नी कुमारी व रेखा देवी छठ कर रही हैं। नीतीश कुमार भी व्रत की तैयारियों को देख रहे हैं।
बीती शाम खरना के दौरान मुख्यमंत्री आवास पर हो रहे छठ में नेताओं और नौकरशाहों की भीड़ दिखी। खुद मुख्यमंत्री मेहमानों के बीच प्रसाद वितरण के काम की देखरेख करते दिखे।
कभी लालू-राबड़ी के छठ व्रत में भी रहता था ऐसा ही नजारा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के छठ जैसा ही नजारा कभी लालू परिवार के छठ के दौरान दिखता था। बदली परिस्थितियों में लालू प्रसाद यादव की पत्नी ने छठ व्रत करना छोड़ दिया, लेकिन बीते साल उन्होंने घर में बहू आने पर छठ व्रत शुरू करने की बात कही थी, इसलिए छठ आते ही सबकी निगाहें पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड के राबड़ी आवास की आर खिंची चली गईं। लेकिन राबड़ी ने कहा कि वे छठ तभी करेंगी, जब दोनों बेटे घर पर साथ रहेंगे।
छठ पर्व पर लालू-राबड़ी की सातों बेटियां, दामाद तथा नाती-नातिन सहित सभी नाते-रिश्तेदार आते थे। छठ का गेहूं सुखाना हो या प्रसाद बनाना हो, सारा काम राबड़ी देवी खुद किया करती थीं। राबड़ी आवास छठ को लेकर चार दिनों पहले से ही गुलजार रहता था। लालू भी छठ में रहते थे। इसके पहले जब राबड़ी देवी गंगा घाट जाकर छठ पूजा करती थीं तो लालू खुद अपने सिर पर छठ की टोकरी लेकर पैदल जाते थे।
इस साल भी नहीं हो सका छठ, घर में पसरा सन्नाटा
इस साल चारा घोटाला में सजा काट रहे लालू के रहने की संभावना तो नहीं थी, लेकिन राबड़ी आवास पर छठ की रौनक लौटने की उम्मीद जरूर थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके पहले लालू-राबड़ी आवास पर दीपावली की वो खुशी भी दिखाई नहीं दी जो हर साल दिखाई देती थी।